सोमवार, 3 जुलाई 2017

स्मार्ट फोन बदल रहा है चाल

स्मार्टफोन अब सिर्फ फोन नहीं रहा बल्कि हमारी जिंदगी का ऐसा अभिन्न हिस्सा बन गया है जिस पर हमारी निर्भरता दिनों दिन बढ़ती जा रही है। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि जितना यह उपयोगी है, उतना ही स्वास्थ्य के लिए घातक भी। इसका अति उपयोग युवाओं को वृद्धावस्था की ओर ले जा रहा है और युवावस्था में ही लोगों की चाल 80 साल के बुर्जुगों जैसी होने लगी है। इसके साथ ही शारीरिक बीमारियों जैसे गर्दन और कमर में दर्द रहने की शिकायत भी बढ़ती जा रही है।

वैज्ञानिकों ने 21 लोगों पर आई ट्रैकर से नजर रखी और उनके 252 तरह के मूवमेंट को कैमरे में कैद करके उन पर रिसर्च की। इस रिसर्च में पाया गया कि 46 प्रतिशत लोग चलते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं। फिर चाहे फोन पर बात करने के लिए हो, मेसेज पढ़ने के लिए या मेसेज टाइप करने के लिए। लिहाजा स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हुए चलने के दौरान उनकी गति में कमी आ जाती है और वे इस तरह से चलते हैं जैसे कोई बुजुर्ग चल रहा हो। 

 ऐसे लोगों पर रिसर्च करने का ध्यान उन्हें तब आया जब उन्होंने एक इंसान को चलते देखा और उसे पीछे से देखकर उन्हें लगा कि उसने कई बोतल दारू पी रखी है। लेकिन हकीकत यह थी कि वह एक स्मार्टफोन यूज कर रहा था।
भर में ऐसे स्मार्टफोन यूजर्स के लिए अलग-अलग सुविधाएं दी जा रही हैं। जैसे चीन में ऐसे लोगों के लिए अलग से फुटपाथ बनवाए गए हैं। वहां स्मार्टफोन यूजर आराम से चल सकते हैं। वहीं नीदरलैंड में तो ऐसे यूजर्स के लिए अलग से पेवमेंट बना दिए गए हैं। इतना ही नहीं प्लस वन नाम की पत्रिका की स्टडी में पता चला है कि स्मार्टफोन की वजह से लोगों की रिश्तेदारियां भी खत्म होती जा रही हैं क्योंकि लोग उनसे ज्यादा फोन के साथ वक्त गुजारने लगे हैं।

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