बुधवार, 26 जुलाई 2017

मेडिकल विवि अौर पीजीआई ने खोजा मूड डिस्अार्डर का नया कारण

 मेडिकल विवि अौर पीजीआई ने खोजा मूड डिस्अार्डर का नया कारण

मूड डिसआर्डर का शिकार बना सकता है दिमाग का खास ट्यूमर

डिप्रेशन शिकार में दवा से राहत नहीं तो न्यूरो सर्जन से भी लें सलाह

कुमार संजय। लखनऊ




32 वर्षीय राम चरित्र साल से डिप्रेशन के शिकार थे। उनका किसी काम में मन नहीं लगता। घर में अकेले पडे रहते। बात-बक पर झल्ला जाते। कभी अपने बहुत बडी फेमली से बताते तो कभी एक दीन हीन बन जाते है। नींद भी कम अाती। कई डाक्टरों के दिखाया कभी मल्टी विटामिन, एंटी अाक्सीडेंट दिया गया तो कभी एंटी डिप्रेशन की दवाएं दी गयी लेकिन राहत नहीं मिली। धीरे -धीरे परेशानी बढ़ती गयी कभी -कभी बेहोश होने लगे। तमाम नशीले पदार्थों के सेवन करने लगे।  इस केस को न्यूरो सर्जरी विभाग से मेडिकल विवि के मानसिक रोग विभाग के प्रो. सुजीत कुमार कार के पास भेजा गया। संजय गांधी पीजीआइ के न्यूरो सर्जरी विभाग के विशेषज्ञों से इस मरीज के बारे में सलाह लिया तो यहां के विशेषज्ञों ने दिमाग का एमअारअाई जांच कराया तो देखा कि राम चरित्र के दिमाग में इंट्रा क्रेनियल डपीडर्मायड ट्यूमर था जिसके कारण वह मूड डिअार्डर के शिकार थे। संस्थान के न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो.राज कुमार, प्रो.संजय बिहारी, प्रो.अवधेश जायसवाल, प्रो. अरूण श्रीवास्तव, प्रो.अनंत मेहरोत्रा ,  प्रो.कुंतल दास, प्रो.अमित केसरी अौर पैथोलाजी विभाग की प्रो.सुशीला जायसवाल ने इस ट्यूमर को निकाल दिया जिसके बाद राम चरित्र की हालत में सुधार होने लगा। विशेषज्ञों का कहा है कि डिप्रेशन की दवाअों से मरीज को फायदा नहीं हो रहा है तो मानसिक रोग विशेषज्ञों को एक बार न्यूरो सर्जरी के विशेषज्ञों से सलाह लेना चाहिए। लंबे समय तक एंटी डिप्रेशन की दवाअों से साइट इफेक्ट होता है। इस खोज को जर्नल अाफ न्यूरोसाइंस इन रूरल प्रैक्टिस ने स्वीकार किया है। 

क्या है इंट्राक्रेनियल इंपी डपीडर्मायड

संजय गांधी पीजीाइ के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो.राजकुमार ने बताया कि दिमाग स्थित रक्त वाहिकाअों की सुरक्षा के लिए सेरीब्रल स्पाइनल फ्लूड से भरा अावरण रहता है जिसमें कई बार ट्यूमर बन जाता है। यह ट्यूमर जहां जगह होता है वहां फैलता है। यह ट्यूमर ब्रेन में दबाव नही बनाता है जिससे उल्टी, दौरा पडने की परेशानी नहीं होती है जिसके कारण मरीजों में इस परेशानी का पता देरी से लगता है। कई बार इस ट्यूमर की वजह से मूड डिसअार्डर की परेशानी हो सकती है। यह टय्बमर कुल ट्यूमर( ब्रेऩ) का दो फीसदी के अास -पास होता है। कई बार यह ट्यूमर क्रेनियल नर्व पर दबाव डालता है जिससे सुनने, देखने में परेशानी हो सकती है। 

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