भारतीय जनता पार्टी के नेता जब सत्ता में नहीं होते है तो देश और प्रदेश की जनता से कई सारे वादे करते है और उसके लिए दूसरी सरकारों को जमकर कोसते हैं। मगर जब ये सत्ता में आते हैं तो जनता को किये वाडे भूल जाते है और सत्ता की मलाई काटने लग जाते हैं और जब उनसे जनता किये गए वादों का हिसाब मांगती है तब यही नेता कहते है कि वो तो चुनाव जितने के लिए सिर्फ एक जुमला था। ऐसा ही एक मामला पुरानी पेंशन को लागू करने का है जिसके लिए कई भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन कर रहे है लोगों को वादा किया कि उनकी सरकार आते ही वो इसे लागू करवाएंगे।
उत्तर प्रदेश के शिक्षक पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं जिसके लिए कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके है और कई बार लाठियां भी खा चुके हैं। प्रदर्शनकारियों से भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने वादा किया था कि वो सत्ता में आते ही पुरानी पेंशन को बहाल करवाएंगे तथा तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर इस मामले को संज्ञान में लेनी की मांग की थी।
केशव प्रसाद मौर्या के अतिरिक्त वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी पुरानी पेंशन की बहाली की मांग करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 2013 में पत्र लिखा और पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग की। जिसका पूरा विवरण नीचे दिए गए पत्र में दिया हुआ है।
अब जब केंद्र में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और उत्तर प्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है यही नहीं अब तो योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री है और पीएम मोदी के बेहद करीबी है तो ऐसे में पुरानी पेंशन स्कीम लागू हो जानी चाहिए थी मगर यहाँ पर भाजपा नेताओं ने पलटी मारते हुए कहा है कि पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा का पत्र नीचे दिया गया है जिसमें पुरानी पेंशन को लेकर उन्होंने क्या कहा है दिया है।
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