शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

कैंसर के कहां, कैसे मरीज नहीं है अांकडे तो कैसे हो सही इलाज की प्लानिंग

कैंसर के कहां, कैसे मरीज  नहीं है अांकडे तो कैसे हो सही इलाज की प्लानिंग

पीजीआइ में हास्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री पर वर्कशाप

प्रदेश के केवल तीन अस्पताल जुटा रहे है अांकडा



प्रदेश में किस तरह के कैंसर के कितने मरीज है इसकी सही जानकारी नहीं है जिसके कारण इलाज अौर बचाव के लिए सही प्लानिंग नहीं बन पा रही है। प्रदेश में 40 से अधिक अस्पताल है जहां कैंसर का इलाज होता है लेकिन केवल तीन अस्पताल संजय गांधी पीजीआइ, कमला नेहरू मेडिकल कालेज इलाहाबाद अौर बीएचयू हास्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम में शामिल है। एसजीपीजीआइ में कैंसर रजिस्ट्री पर अायोजित कार्य शाला में नेशनल सेंटर फार डिजीज इंफारमेटिक्स एंड रिसर्च के निदेशक डा. प्रशांत माथुर  ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अुनसंधान परिषद ने हास्पिटल बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम शुरू किया जिसमें अस्पताल को मरीज कैंसर के किस स्टेज में अाया। इलाज मिला तो कितना सफल रहा। इलाज के बाद कब तक ठीक रहा। इलाज में क्या परेशानी अायी जैसी तमाम जानकारी अान लाइन फीड किया जाता है। इसके अाधार पर हमारा संस्थान किस तरह का कैंसर किस इलाके में पता कर सरकार को रिपोर्ट देते है जिसके अाधार पर सरकार इलाज अौर बचाव के लिए प्रभावी कदम उठाती है। सही अांकडो की जानकारी न होने पर सही प्लानिंग संभव नहीं है। प्रदेश में केवल तीन अस्पताल अभी तक इस प्रोग्राम में शामिल हुए है। कहा कि देश के अाठ राज्य कैंसर की जानकारी देने के लिए नियम बना दिए है जिसमें उत्तर प्रदेश शामिल नहीं है।  पीजीआई के प्रो.नीरज रस्तोगी ने बताया कि अांकडो की सही जनाकारी होने पर ट्रीटमेंट के लिए कितने मशीन , मानव संसाधन की जरूरत है इसकी प्लानिंग कर जल्दी इलाज दिया जा सकता है। इसी के अाधार पर सरकार से हम बजट मांग सकते है।   

पीजीआइ में रजिस्ट्री टीम
प्रो.राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि पीजीआइ में प्रो.शालीन कुमार, प्रो. पुनीता लाल, प्रो.राकेश पाण्डेय , प्रो.उत्तम सिंह अौर प्रो.मारिया दास की टीम है जो कैंसर के मरीजों की सारी जानकारी रजिस्ट्री में फीड करती है। पीजीआइ में हर साल लगभग तीन हजार कैंसर के नए मरीज अाते है। देखा गया है कि पुरूषों में मुंह अौर फेफडे के कैंसर अौर महिलाअों में स्तन अौर सर्विक्स के कैंसर अधिक होते है। 40 से 50 फीसदी मरीज कैंसर के लास्ट स्टेज में अाते है। भारत सरकार ने तीन तरह के कैसर का पता जल्दी लगाने के लिए स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया है जिसमें ब्रेस्ट, सर्विक्स अौर हेड नेक कैंसर शामिल है।





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