पीजीआइ गवर्निंग बाडी की बैठक में हुए कई फैसले
6 महीने में पीजीआइ ट्रामा सेंटर होगा शुरू
ट्रामा सेंटर अधिकारिक रूप से पीजीआइ को मिला
संजय गांधी पीजीआइ के निदेशक प्रो.राकेश कपूर ने इमरजेंसी मेडिसिन सेंटर फार एक्सीलेंस का जो खाका तैयार किया था वह साकार हो सकता है। संस्थान प्रशासन ने इस पर होने वाले खर्च 453 करोड़ को ब्योरा सरकार को पिछली सरकार को सौंपा था जिसमें तय हुअा था । तय हुअा था कि संस्थान स्टेट बैंक से लोन लेकर सेंटर स्थापित करें कर्ज की राशि की ईएमआई सरकार अौर संस्थान दोनों वहन करें लेकिन इस योजना पर विराम लग गया था लेकिन गुरूवार को शासन में संस्थान के गवर्निग बाडी की बैठक में इस योजना को शुरू करने पर सहमति बनी है। शासी निकाय की बैठक में तय हुअा कि संस्थान के कर्मचारियों का कैडर रीसटक्चरिंग एक -एक करके न भेजा जाए संस्थान के सभी सवर्ग के कर्मचारियों का प्रस्ताव एक साथ भेजा जाए। इसके लिए किसी एजेंसी या पूर्व अाईएएस की सेवा ली जा सकती है। बैठक में ट्रामा सेंटर टू को पीजीआइ को सौंप दिया गया है। अब मेडिकल विवि इसे संस्थान को हैंड अोवर करेगा। बैठक में तय हुअा कि मौजूदा संसाधन के अाधार पर 6 महीने में इसे शुरू किया जाए। इसके अलावा शासी निकाय में कहा गया कि संस्थान विजन डाक्यूमेंट बना कर सरकार को सौंपे जिससे संस्थान अाने वाले बीस साल में कैसे इलाज अौर तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी रहे इसके लिए काम शुरू हो सके। संस्थान के निदेशक के विजन का ही नतीजा है कि संस्थान में सेंटर फार एक्सीलेंस इन इमरजेंसी मेडिसिन पर बात हो रही है। बैठक में प्रमुख सचिव राजीव कुमार, निदेशक प्रो.राकेश कपूर, चिकित्सा शिक्षा सचिव अनीता जैन भटनागर, वित्त सचिव , विशेष इनवाइटी राम निवास जैन, इंडोसर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो.एसके मिश्रा, इंडोक्राइनोलाजी विभाग के प्रमुख प्रो.ईश भाटिया, रेडियोलाजी विभाग की प्रो. नमिता मोहिंद्रा सहित कई लोग शामिल थे।
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