लक्ष्य पाने के लिए और प्रयास की है जरूरत
विश्व जनसंख्या दिवस
2025 तक प्रदेश की प्रजनन दर को 2.1 तक लाने का लक्ष्य
राजधानी में भी 0.6 फीसद सकल प्रजनन दर को कम करने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश में 57 जिले ऐसे हैं, जहां दर पांच से ज्यादा है प्रजनन दर में कमी लाना है
प्रदेश की जनसंख्या नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके बावजूद 57 जिले ऐसे हैं, जहां सकल प्रजनन दर पांच से ज्यादा है। हालांकि राजधानी अभी सेफ जोन में हैं। इसके बाद भी इसे 2.1 के लक्ष्य तक आने के लिए प्रयास किए जाने बाकी हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो महिला और पुरुष नसबंदी की संख्या में अपेक्षा के अनुरूप अच्छा परिणाम नहीं है।
अस्पतालों में नहीं मिलते हैं कंडोम
परिवार नियोजन के साधनों में स्थाई उपायों में महिला और पुरुष नसबंदी शामिल है। वहीं आयूडी, पीपीआयूसीडी (कॉपरटी), ओरल पिल्स और गर्भनिरोधक दवाएं शािमल हैं। महिला अस्पतालों में नसबंदी और आयूडी के मामले तो डील हो जाते हैं, लेकिन कंडोम हर जगह उपलब्ध नहीं हैं। अक्सर फैमिली प्लानिंग कॉर्नर पर महिलाओं को ओरल पिल्स और कंडोम नहीं मिलते। चाहे जिला महिला अस्पताल हो या नगरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हो।
महिलाओं में कॉपरटी पॉपुलर
आइयूडी यानि इंटरा यूटेराइन डिवाइस के बाद परिवार नियोजन की योजना पीपीआइयूसीडी (पोस्ट पार्टम इंटरा यूटीराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस) पिछले तीन सालों में सबसे ज्यादा पॉपुलर हुई है। पीपीआइयूसीडी को ऑपरेशन और डिलीवरी के तुरंत बाद लगाया जाता है। 30 प्रतिशत महिलाएं पीपीआइयूसीडी करवा रही हैं।12025 तक लक्ष्य को पाना है1प्रदेश की सकल प्रजनन दर को प्रति दंपत्ति दो से तीन बच्चों तक लाना है। इसे औसत 2.1 तक लाने का लक्ष्य है।
श्रवस्ती प्रजनन दर में सबसे आगे
प्रदेश के 57 जिले ऐसे हैं जिनकी प्रजनन दर तीन से ज्यादा है। वहीं श्रवस्ती जिले में सबसे ज्यादा प्रजनन दर है। प्रति दंपत्ति पांच बच्चे तक है। इसके बाद बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, बदायूं और सीतापुर शामिल है।
1दिया जा रहा है प्रशिक्षण1
डॉक्टरों, आशा बहुओं और नर्सो को नसबंदी और परिवार नियोजन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। एएनएम को डिंपा इंजेक्शन लगाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रचार-प्रसार और जागरूकता के साथ हमें उम्मीद है कि लक्ष्यों को पूरा कर लिया जाएगा।’परिवार कल्याण विभाग की ओर से नई योजना मिशन परिवार विकास शुरू किया गया है। इसमें सार्थी योजना, नई पहल किट, दो नई दवाओं छाया और डिंपा इंजेक्शन शामिल किया गया है। वर्ष 2025 तक हमें प्रदेश की सकल प्रजनन दर को 2.1 तक लाना है। अभी तक हम इसे 2.7 तक पहुंचा पाए हैं। मिशन परिवार विकास को प्रदेश के 57 जिलों में चलाया जाएगा। जिन जिलों में चार से ज्यादा प्रजनन दर है। उसमें 0.3 प्रतिवर्ष की कमी लानी है। 3.5 से ज्यादा प्रजनन दर के जिलों में 0.2 प्रतिवर्ष की कमी लानी है। तीन से 3.5 प्रजनन दर के जिलों में 0.2 प्रतिवर्ष की कमी लानी है।1
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें