सोमवार, 3 जुलाई 2017

आई ड्रॉप का संभल कर करें इस्तेमाल --स्टेरायड युक्त अाई ड्राप से नुकसान

कंजंक्टिवाइटिस में आई ड्रॉप का ज्यादा इस्तेमाल हो सकता है नुकसानदेह


बारिश का मौसम शुरू हो चुका है और इस दौरान सबसे ज्यादा जो बीमारी लोगों को परेशान करती है वह है आई इंफेक्शन कंजंक्टिवाइटिस। ऐसे में यह सवाल भी लोगों के जेहन में है कि क्या ऐंटीबायॉटिक आई ड्रॉप्स कंजंक्टिवाइटिस के इलाज में कारगर है? इस बारे में हुई रिसर्च की मानें तो आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल नुकसानदेह साबित हो सकता है।

इंटरनैशनल जर्नल ऑप्थैलमॉलजी में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक करीब 60 प्रतिशत कंजंक्टिवाइटिस इंफेक्शन वायरस की वजह से होता है और इसके इलाज में ऐंटीबायॉटिक का कोई रोल नहीं होता। कंजंक्टिवाइटिस एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें कंजंक्टिवा- जो आंखों के आगे की सतह में पाई जाने वाली बेहद महीन झिल्ली होती है उसमें जलन और लालीपन आ जाता है और इस वजह से आंखें खुद को सेल्फ लिमिट कर लेती हैं। मॉनसून के सीजन में कंजंक्टिवाइटिस होना सामान्य बात है क्योंकि इस दौरान नमी बहुत ज्यादा रहती है जो बैक्टीरिया और वायरस के ग्रोथ में सहायता करती है।

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ऐंटीबायॉटिक्स पहले इसलिए प्रिस्क्राइब की जाती थीं ताकि कॉर्निया को किसी तरह का सेकंडरी इंफेक्शन न हो। भारत में बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से अमेरिका की तुलना में ज्यादा कंजंक्टिवाइटिस के केस देखने को मिलते हैं। कई मौको पर ऐंटीबायॉटिक्स देना जरूरी होता है। लेकिन इनके बहुत अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए अन्यथा आंखों की सतह को नुकसान पहुंच सकता है।


विशेषज्ञों का कहना है कि कई बार कंजंक्टिवाइटिस से बचाव के लिए भी ऐंटीबायॉटिक्स प्रिस्क्राइब की जाती हैं। बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से कंजंक्टिवाइटिस होने का चांस बेहद कम होता है। ज्यादातर केस में इसके लिए वायरस ही जिम्मेदार होते हैं। लेकिन डॉक्टर्स किसी तरह का चांस नहीं लेना चाहते क्योंकि अगर किसी भी वजह से इंफेक्शन और बढ़ता है तो मरीज उन्हें लापरवाही बरतने के लिए जिम्मेदार ठहराएंगे।'

संजय गांधी पीजीआइ के नेत्र रोग विशेषज्ञ कहते है कि
 यह जांच करवाना संभव नहीं है कि कंजंक्टिवाइटिस का इंफेक्शन वायरस की वजह से है या बैक्टीरिया की वजह से। इसलिए प्रिकॉशन के तौर पर डॉक्टर्स माइल्ड ऐंटीबायॉटिक्स प्रिस्क्राइब कर देते हैं।' वायरस की वजह से होने वाला कंजंक्टिवाइटिस अपने आप ही एक सप्ताह के अंदर ठीक हो जाता है लेकिन डॉक्टर्स कहते हैं कि बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से होने वाला कंजंक्टिवाइटिस कई केस में कॉर्निया तक फैल जाता है। कॉर्निया में इंफेक्शन और घाव आंखों को स्थायी तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है।

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