सोमवार, 10 जुलाई 2017

पीजीआइ ने लगाया सीलिएक डिजीज में नई परेशानी का पता

25 फीसदी सिलिएक डिजीज ग्रस्त बच्चों में उलझ जाती है आंत


शोध


पीजीआइ ने लगाया सीलिएक डिजीज में नई परेशानी का पता

ग्लूटेन फ्री डाइट से मिल जाता है बच्चों को आरामक्या है 


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कुमार संजय ’ लखनऊ

संजय गांधी पीजीआइ के पेट रोग विशेषज्ञ एवं रेडियोलॉजिस्ट ने मिलकर सीलिएक डिजीज ग्रस्ति बच्चों में आंत उलझने (इंट्यूसेप्सन) की नई परेशानी का पता लगाया है। इस परेशानी के होने पर बच्चों के पेट में दर्द, उल्टी, मल के साथ खून आने और बुखार की परेशानी होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी बच्चे में ऐसी परेशानी हो तो सीलिएक डिजीज की जांच करानी चाहिए। 1पीडियाटिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. एसके याचा और प्रो. मेनिक सेन शर्मा के मुताबिक सीलिएक डिजीज के बारे में पहले लोगों को पता नहीं था, लेकिन अब इस परेशानी का पता लगा कर डाइट में बदलाव लाकर बच्चों को स्वस्थ्य जिंदगी दी जा सकती है। कई बार यह परेशानी मिस डायग्नोस हो जाती है। ऐसे में इस परेशानी वाले बच्चों में दूसरी क्या परेशानी हो सकती है इस पर भी किया जा रहा है। देखने में आया है कि सीलिएक डिजीज में बच्चों की आंत आपस में उलझ जाती है। 1सीलिएक डिजीज से ग्रस्ति 150 उन बच्चों के पेट का अल्ट्रासाउंड परीक्षण रेडियोलॉजिस्ट प्रो. शिव कुमार ने किया जिन्हें डायरिया, पेट में तनाव, पेट में दर्द सहित अन्य परेशानी थी। देखा गया कि 25 फीसद बच्चों में छोटी आंत आपस में उलझी हुई थी। पेट रोग विशेषज्ञ प्रो. एसके याचा, प्रो.अंशु , प्रो. मेनिक सेन शर्मा और प्रो. यू.पोद्दार ने इन बच्चों को ग्लूटेन फ्री डाइट पर रखा तो देखा कि सात दिन में 65 फीसद, 14 दिन में 84 और 28 दिन में 92 फीसद बच्चों को आराम मिल गया।’

सामान्य लक्षण

पेट में दर्द, शरीर के भारीपन, वजन में कमी, शारीरिक विकास में कमी, डायरिया, कब्ज, गैस अधिक बनना यह सामान्य लक्षण हैं।

क्या है सीलिएक डिजीज

प्रो. एसके याचा ने बताया कि सीलिएक डिजीज की परेशानी तीन सौ में से एक व्यक्ति या बच्चे को हो सकती है। इससे परेशान लोग गेंहू, जौ और उससे बनने वाले पदार्थ का पाचन सही तरीके से नहीं होता है। इनमें पाये जाने वाला ग्लूटेन छोटी आंत को डैमेज कर देता है, जिसकी वजह से पोषकतत्वों का अवशोषण नहीं होता है। इस बीमारी का इलाज बिल्कुल आसान है केवल प्रभावित व्यक्ति को ग्लूटेन फ्री आहार (गेहूं से बने खाद्य पदार्थ) लेना होता है। इलाज के लिए कुछ दिनों के लिए इस बीमारी की वजह से हुई परेशानी को कम करने के लिए दवाएं देनी पड़ सकती हैं।



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