पीजीआइ में
हिपेटाइिटस कंट्रोल सेल ने किया अायोजन
हिपेटाइटिस हाई
रिस्क ग्रुप के बचाव के लिए पीजीआइ चलाएगा मुहिम
हेल्थ वर्कर में
अधिक है हिपेटाइिटस का खतरा
संजय गांधी
पीजीआइ हाई रिस्क ग्रुप को हिपेटाइटिस से बचाने के लिए मुहिम शुरू करेगा।
संस्थान के गैस्ट्रोइंट्रोलाजी विभाग के प्रमुख प्रो.वीए सारस्वत ने बताया कि
हेल्थ केयर वर्कर, वेस्ट मैनजमेंट वर्कर, एचअाईवी ग्रस्त , इम्यूनोथिरेपी सहित अन्य में हिपेटाइिटस बी एवं सी की अधिक
अाशंका रहती है। इस लिए इनके बचाव के लिए सभी अस्पतालों को अभियान शुरू करना
चाहिए। संस्थान ने अपने हेल्थ केयर वर्कर के लिए हिपेटाइटिस कंट्रोल सेल शुरू किया
है। इसी तर्ज पर राजधानी के दूसरे अस्पताल , निजि अस्पताल को
शुरू करने के लिए एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे है। विश्व हिपेटाइिटस दिवस के
मौके पर अायोजित जागरूकता कार्यक्रम में नर्सिग होम एसोसिएशन के डा. जीसी मक्कड़
अौर डा. अनूप अग्रवाल , मेडिकल विवि के डा. हिमांशु , पीएमएस के डा. अोंकार यादव सहित कई लोगों पीजीआइ पहुंच कर
कार्यक्रम शुरू पर रूचि दिखायी है। प्रो.सारस्वत ने कहा कि हमने पहले अपने घर को
ठीक करने के लिए कंट्रोल सेल शुरू किया । एक साल में 2030 कर्मचारियों का डाटा तैयार किया है अब इनमें एंटी एचबीएस
स्तर देख कर अागे बचाव की योजना पर काम करेंगे। बताया कि इसमें संविदा कर्मचारियों
को भी शामिल किया जाएगा लेकिन अभी इस पर खर्च के लिए स्रोत की व्यवस्था हो रही है।
प्रो.सारस्वत ने बताया कि हिपेटाइटिस बी के तीन टीके के एक महीने के बाद बाद यदि एंटी एचबीएस का स्तर 100 से अधिक है तो इसका मतलब वह व्यकित् हिपेटाइटिस बी से सुरझित
है। इस मैके पर
मेडिकल सोशल वेलफेयर अफीसर डा. रमेश कुमार, हिपेटाइटिस कंट्रोल सेल की पीआरओ कुसुम
यादव, तकनीकि अधिकारी टीएस नेगी ने भी जानकारी दी।
निडिल इंजरी
हेल्प लाइन
पीजीआइ ने अभी
इंटरनल निडिल इंजरी हेल्प लाइन शुरू किया इसी तरह सभी अस्पतालों को शुरू करना
चाहिए। यदि हेल्थ वर्कर या केयर टेकर को हिपेटाइिटस ग्रस्त मरीज के इलाज के दौरान
निडिन इंजरी या कट एक्सोपजर हुअा है तो हमें इस हेल्प लाइन पर सूचना मिलती है।
एंटी एचबीएस यदि 10 से अधिक होता है तो कुछ करने की जरूरत नहीं होती है।
हेल्प लाइन के इंचार्ज प्रो.अमित गोयल ने बताया कि एक साल में 39 लोगों में निडिल इंजरी रिपोर्ट हुई जिसमें से 14 फीसदी लोगों को हिपेटाइिटस बी या सी मरीज से इंजरी हुई।
एंटी एचबीएस टाइटर कम होने पर इम्यूनोग्लोबलीन दिया जाता है। किसी दूसरे अस्पताल
में काम करने वाले को यदि हिपेटाइटिस बी या सी मरीज का रक्त निकालते समय इंजरी
होती है तो वह विभाग के अोपीडी में सलाह ले सकता है।
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