मंगलवार, 21 मार्च 2023

ट्रिपल टेस्ट से गर्भस्थ शिशु में लग सकता है डाउन सिंड्रोम का पता

 


विश्व डाउन सिंड्रोम जागरूकता दिवस आज


ट्रिपल टेस्ट से गर्भस्थ शिशु में लग सकता है डाउन सिंड्रोम का पता


मां की उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती जाती है डाउन सिंड्रोम ग्रस्त होने की आशंका


एक हजार में से एक शिशु में होती है आशंका


कुमार संजय। लखनऊ


 


यदि आप चाहते है कि आप की होने वाली संतान मानसिक या बौद्धिक रूप से मजबूत हो तो गर्भस्थ शिशु में डाउन सिंड्रोम की जांच जरूर कराएं खास तौर पर यदि आप 30 साल की आयु पार कर गई है। इम्र बढ़ने के साथ गर्भस्थ शिशु में डाउन सिंड्रोम  की आशंका बढ़ती है। इस जन्मजात बीमारी के प्रति जागरूकता लाने के लिए 21 मार्च को वर्ल्ड डाउन सिंड्रोम दिवस के रूप में मनाया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक  मुताबिक प्रति 1000 जन्म लेने वाले एक बच्चों में डाउन सिंड्रोम की आशंका रहती है। इस लिए हर महिला को ट्रिपल टेस्ट जांच करा कर शिशु में इस परेशानी का पता गर्भधारण करने के तीन महीने के अंदर लगाना चाहिए। विशेषज्ञों का कहना है कि  मां की आयु 30 वर्ष से अधिक हो या पहला बच्चा डाउन सिंड्रोम से ग्रस्त हो। गर्भावस्था के 12 सप्ताह में स्क्रीनिंग किया जाता है। जांच में  आशंका नजर आती है। तो 16 सप्ताह में ट्रिपल मार्कर (खून की जांच) करते हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आना बच्चे में डाउन सिंड्रोम होने के संकेत हैं। सोनोग्राफी में बच्चे के अंदर डाउन सिंड्रोम के लक्षण नजर आते हैं।  कंफर्म करने के लिए मां के गर्भ से सुई द्वारा पानी निकालकर जांच के लिए लैब भेजा जाता है। इसमें बच्चे के क्रोमोसोम की स्थिति पता चल चलता है।


 


...................


 स्त्री रोग विशेषज्ञों को इस परीक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। सामान्य रूप से 90 फीसदी महिलाएं एंटी नेटल केयर के लिए नजदीकी स्त्री रोग विशेषज्ञों के पास जाती है। इस अनुवांशिक बीमारी से  बच्चे का मानसिक विकास रुक जाता है। इसके साथ दूसरी कई परेशानी की आशंका रहती है। इन विशेष  बच्चों को बेहतर देखभाल व प्रशिक्षण दिया जाए तो ऐसे बच्चे भी सामान्य जिंदगी जीते हैं...प्रो. इंदु लता साहू मैटरनल एंड रिप्रोडक्टिव हेल्थ एसजीपीजीआई


 


 


 


 


 


 


--------------------------


 


गर्भावस्था में भ्रूण को 46 क्रोमोजोम मिलते हैं, जिनमें 23 माता व 23 पिता के होते हैं। लेकिन डाउन सिंड्रोम पीड़ित बच्चे में 21वें क्रोमोजोम की एक प्रति अधिक होती है, यानी उसमें 47 क्रोमोजोम पाए जाते हैं। ओपीडी में इस तरह के बच्चों की स्क्रीनिंग, जांच व इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है..प्रो. शुभा फड़के विभागाध्यक्ष क्लीनिक जेनेटिक्स एसजीपीजीआई

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें