मंगलवार, 21 मार्च 2023

विश्व डाउन सिंड्रोम जागरूकता दिवस पर मिलन समारोह हम किसी से कम नहीं समाज बदले नजरिया


 




विश्व डाउन सिंड्रोम जागरूकता दिवस पर मिलन समारोह


हम किसी से कम नहीं समाज बदले नजरिया


लड़कियों को लड़कों के मुकाबले अधिक भेदभाव की शिकार


अपने पैर पर खड़ी हो जाए तभी करें शादी- विशेष बालिका शिखा




संजय गांधी पीजीआई में डाउन सिंड्रोम जागरूकता दिवस के मौके पर आयोजित मिलन समारोह में डाउन सिंड्रोम ग्रस्त विशेष बालिका शिखा ने कहा कि समाज में बदलाव की जरूरत है। लड़कियों को लड़को के अपेक्षा भेद-भाव सहना पड़ता है। लड़कियों के लिए हर रोजदार में विशेष छूट की जरूरत है। शादी तभी लड़कियों को करनी चाहिए जब वह अपने पैर पर खड़ी हो जाए। शिखा ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। निदेशक प्रो. आर के धीमन एवं मेडिकल जेनेटिक्स विभाग की प्रमुख प्रो.शुभा फड़के ने शिखा का साथ दिया। शिखा ने कहा कि हम विशेष बच्चे किसी से कम नहीं है बस समाज से प्यार की चाहत रखते है। हमें कोई दया की दृष्टि ने देखे हम सब कुछ कर सकते है जो सामान्य लोग कर सकते है । बस जरूरत है तो सही ट्रेनिंग की। कार्यक्रम में सौ से अधिक विशेष बच्चे और उनके अभिभावक भाग लिए। शिखा ने एकल नृत्य प्यार करोगी हां जी......गाने पर एकल नृत्य किया। हमाद, वर्षा, गुनगुन, शितेश, वैभव, उत्कर्ष, आकृति, अभिनव ने ये जलवा..........गाने पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत कर लोगों की वाहवाही हासिल किया। हमाद ने मुझको मुहब्बत... करनी है गाने पर एकल नृत्य प्रस्तुत किया । ऋद्धि ने योग का प्रदर्शन किया। ड्राइंग और खेल प्रतियोगिता में भी शामिल हुए। सभी बच्चों को प्रो. शुभा ने अपने साथ लंच कराया ।  


 


जागरण स्टार्टअप प्रोग्राम में रेनबो का आइडिया टॉप 12 में शामिल


रेनबो सोसाइटी फॉर डिफरेंट एडिबल की स्वाति शर्मा ने बताया कि दैनिक जागरण ने स्टार्ट पर आइडिया मांगा जिसमें हमने इन बच्चों के शिक्षा, प्रशिक्षण, फिजियोथेरेपी, रोजगार सहित अन्य को शुरू करने का आइडिया दिया। आईआईएम कोलकता और दैनिक जागरण को जितने स्टार्टअप आइडिया उनमें टॉप 12 में मेरे आइडिया को शामिल किया गया। इन बच्चों को प्रशिक्षित करते है कि वह अपना काम खुद कर सकें। व्यावसायिक प्रशिक्षण भी दिया जिससे यह छोटे-छोटे उत्पाद बनाना सीख गए है। इससे इनकी आय भी रही है।


 


विशेष बच्चों के नजदीक के स्कूल में हो टीचर


विभाग की प्रमुख प्रो. शुभा फड़के ने कहा कि सभी स्कूलों में इन बच्चों के शिक्षकों की तैनाती की जाए जिससे यह बच्चे सामान्य बच्चों के नजदीक के स्कूल में पढ़ सकें। सामान्य बच्चों के साथ इनका विकास होगा तो यह और अच्छी जिंदगी पा सकेंगे। इन बच्चों के पास आधार कार्ड होना चाहिए जो हमेशा इनके पास रहे जिससे यदि यह की गायब हो तो फिंगरप्रिंट से सही पता लग सकें।  डाउन सिंड्रोम ग्रस्त बच्चों में आईक्यू अधिक होता है तो कुछ में कम जैसे सामान्य लोगों में होता है। विशेष ट्रेनिंग से इन्हें काफी कुछ सिखाया जा सकता है। हर दंपति को डाउन सिंड्रोम की जांच गर्भधारण के तुरंत बाद करानी चाहिए । क्वाड्रिपल टेस्ट से आशंका का पता लग जाता है। ट्रिपल टेस्ट 70 फीसदी सेंसिटिव जबकि क्वाड्रिपल टेस्ट 81 फीसदी सेंसिटिव होता है।

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