गुरुवार, 24 अगस्त 2017

पीजीआइ ने पचास साला में दिया पांच कर्मचारियों को नोटिस

पीजीआइ ने पचास साला में दिया पांच कर्मचारियों को नोटिस
विभाग के प्रमुखों से मांगे गए काम न करने वाले कर्मचारियों के नाम




जागरणसंवाददाता। लखनऊ

संजय गांधी पीजीआइ प्रशासन ने  पांच कर्मचारियों के नोटिस दे कर पूछा है कि उन्होने बीते 6 महीने  में कितना अौर क्या काम किया है । इनसे काम का  विवरण प्रस्तुत करने को कहा गया है।  यह नोटिस इनके विभाग के प्रमुख ने दिया है।  इसके अलावा पचास साल से ऊपर के कर्मचारियों की सूची बना कर विभाग के प्रमुखों से इनके कार्य  के बारे में जानकारी मांगी गयी है। मिली जानकारी के मुताबिक पांचों कर्मचारियों के जवाब के बाद समिति इनके अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बारे में फैसला लेगी।  संस्थान प्रशासन ने  पचास साल की अायु पूरी कर चुके एेसे  कर्मचारी जो काम के योग्य नहीं है या काम नहीं करते है उनका  पता लगा कर अनिवार्य सेवा निवृत्ति देने के लिए संस्थान प्रशासन ने चार सदस्यों वाली समिति का गठन किया है। समिति के अध्यक्ष न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग के प्रो.एके शुक्ला है। इनके अलावा मुख्य चिकित्सा अधीक्षक , संयुक्त निदेशक प्रशासन, वित्त अधिकारी अौर मेडिकल बोर्ड के अध्यक्ष इसके सदस्य है।  संस्थान प्रशासन का कहना है कि संस्थान के शासी निकास के 77 वीं बैठक  में अनिवार्य सेवानिवृत्ति का नियम पास हो चुका है। इस नियम के तहत शिकायत मिलने पर नियुक्ति प्राधिकारी के सामने समिति अनिवार्य सेवा निवृत्ति  के लिए संस्तुति स्क्रीनिंग के बाद  प्रस्तुत करेगी । संस्थान प्रशासन का कहना है कि अनिवार्य सेवा निवृत्ति के लिए केवल तीन माह की नोटिस दे कर सेवा से हटाया जा सकता है। एेसे कर्मचारी की विशेष निगरानी होगी जिनके बारे में विभाग के प्रमुख अनुमोदन करते हैं। 

कर्मचारी संगठनों ने जताया विरोध

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कोई कर्मचारी काम नहीं कर रहा है तो यह संस्थान प्रशासन की कमी है। काम नहीं कर रहा है तो पहले नोटिस क्यों नहीं दी गयी। यह 
उत्पीड़न का  नया हथियार है।  संस्थान में पहले से कर्मचारियों की कमी है। काम चलाने के लिए संविदा पर कर्मचारी रखें गए है जो कर्मचारी काम नहीं कर रहे उनके कार्य पटल को बदल कर दूसरा काम लिया जा सकता है। हम लोग हर स्तर पर पचास साल की उम्र पार करने वाले कर्मचारियों को उत्पीड़न का विरोध करेंगे।

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