रविवार, 27 अगस्त 2017

हेड इंजरी सुनते ही बिना देखे भेज देते है ट्रामा सेंटर

पीजीआइ में ट्रामा मैनेजमेंट पर वर्कशाप... 
हेड इंजरी सुनते ही बिना देखे भेज देते है ट्रामा सेंटर
80 फीसदी हेड इंजरी के मरीज पीएचसीस सीएचसी अौर जिला अस्पताल पर हो सकते है मेनेज


  
जागरणसंवाददाता। लखनऊ

पीएचसी, सीएचसी अौर जिला अस्पताल के डाक्टर न्यूरो सर्जन न होने का बहाना बना कर सिर पर चोट ( हेड इंजरी) सुनते ही मरीज को ट्रामा सेंटर लखनऊ ऱिफर कर देते है जिससे यहां पर लोड बढ़ता है । हकीकत यह है कि 80 फीसदी हेड इंजरी के मरीज का इलाज वहीं पर हो सकता है। केवल इन पर नजर रखने की जरूरत होती है। इन मरीज को यदि वहीं पर मैनेज किया जाए तो इनकी जिंदगी बच सकती है लेकिन जिलों से लखनऊ भेजने में लगने वाले 6 से सात घंटे में मरीज की हालत खराब हो जाती है जिसके कारण कई बार उनकी मौत हो जाती है। मेडिकल विवि के ट्रामा सेंटर में रोज 70 से 80 हेड इंजरी के मरीज अाते है जिसमें से केवल तीन से चार  मरीजों में न्यूरो सर्जरी की जरूरत पड़ती है। यह दर्द शनिवार को संजय गांधी पीजीआइ में ट्रामा मैनेजमेंट में अायोजित वर्कशाप में मेडिकल विवि के न्यूरो सर्जन प्रो.क्षितिज श्रीवास्तव ने वयां किया। वह हेड इंजरी के मरीज में प्राथमिक देख -भाल विषय पर जानकारी दे रहे थे। प्रो. श्रीवास्तव ने बताया कि हेड इंजरी के बाद मरीज का रक्तदाब ठीक।  मरीज होश में है। संतृप्त अाक्सीजन का स्तर ठीक है तो उसे केवल देख भाल की जरूरत है । सीटी स्कैन करा लें यदि सिर के अंदर बडा क्लाट है तो उसे न्यूरो सर्जन के पास भेजने की जरूरत है नहीं तो वहीं पर इलाज किया जा सकता है। अायोजक प्रो.संदीप शाहू ने कहा कि अांतरिक चोट देखने के लिए चेस्ट एक्स-रे अौर अल्ट्रासाउंड करा कर कुछ हद सामान्य सर्जन मैनेज कर सकते हैं। 

अायुष चिकित्सक भी कर सकेंगे ट्रामा मैनेजमेंट

पीजीआइ में अायोजित वर्कशाप में होम्योपैथ, अार्यवेद विधा से जुडे 15 से अधिक डाक्टरों को ट्रामा मैनेजमेंट के हुनर सिखाया गया। इसमें हेड  इंजरी होने पर प्राथमिक देख-भाल, सीने में चोट लगने पर आईसीडी नली डालकर फेफडे  के पास जमा हवा अौर खून निकलाने के तरीका सहित कई तकनीक करके सिखायी गयी। 

एेसे करें मरीज को शिफ्ट
- एक्सीडेंट के शिकार 30 से 40 फीसदी में रीढ़ की हड्डी  में चोट की अाशंका रहती है इसलिए मरीज को शिफ्ट करते समय कालर लगाएं
- बाहरी रक्त स्राव को रोके
- सांस लेने में परेशानी को दूर करें
- अधिक रक्त स्राव हो गया है तो रक्त या अवयव चढा कर भेजे 

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