शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

एनएचएम में मुफ्त जांच में घोटाला

एनएचएम में मुफ्त जांच  में घोटाला


पैथोलॉजी का टेंडर लेने वाली कंपनी ने दूसरे को सौंप दिया काम





संदीप पांडेय ’ लखनऊ
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत मुफ्त पैथोलॉजी जांच के लिए किया गया करार मरीजों के साथ मजाक साबित हुआ। इन जांचों के लिए टेंडर लेने वाली कंपनी कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर ने ऐसी दूसरी कंपनी को यह काम सौंप दिया, जिसके पास पैथोलॉजी जांचों के लिए बुनियादी ढांचा तक नहीं है।1इतना ही नहीं, ज्यादा भुगतान पाने के लिए लगातार फर्जी जांचें भी की गईं। उनकी जांच रिपोर्ट की सत्यता पर भी संदेह है। जांच के नाम पर यह खेल प्रदेश के 822 सीएचसी और तमाम जिला अस्पतालों में खेला गया। एनएचएम के तहत राज्य में पीपीपी मॉडल पर पैथोलॉजी जांच का फैसला किया गया। इसके लिए 7 फरवरी 2017 को कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ करार हुआ। पहले चरण का काम 7 अप्रैल तक पूरा करना था, मगर ऐसा नहीं किया गया। खुलासा डीजी हेल्थ की जांच में हुआ। जांच समिति की बैठक 12 मई को हुई थी। अब शासन को टेंडर निरस्त करने की संस्तुति की गई।’

राज्य में मुफ्त जांच के लिए कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर से था करार।  योजना के दायरे में हैं राज्य के 822 सीएचसी व 95 जिला अस्पतालखून की मुफ्त जांच का करार कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ किया गया था। सेंटर द्वारा किए जा रहे कार्यो में काफी गड़बड़ी पाई गई है। ऐसे में शासन को टेंडर निरस्त करने के लिए पत्र लिखा गया है।डा. पद्माकर सिंह, महानिदेशक, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य



जांच में टेंडर की शर्तो का उल्लंघन पाया गया है। कृष्णा डायग्नोस्टिक सेंटर को टर्मिनेशन का नोटिस जारी कर दिया गया है।आलोक कुमार निदेशक, एनएचएम



इस तरह हुई अनियमितता

- कृष्णा डायग्नोस्टिक ने टेंडर लिया, लेकिन संचालन दूसरे को दे दिया 

- इसके लिए उसने उप संविदा भी निकाली, जो नियम विपरीत थी

-बिना टेक्नीशियन और रेफ्रिजरेटर के चलाए गए सेंटर

-तैनात कर्मचारियों की योग्यता पर संदेह, नहीं दिया ब्योरा1’ ब्लड सैंपल के तापमान को मेनटेन करने के लिए नहीं थी व्यवस्था

- सेंटर पर एसी, सैंपल बार कोड, लैब इन्फॉर्मेशन सिस्टम भी नहीं




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