रविवार, 20 अगस्त 2017

मेडिकल कालेज गोरखपुर को 152.62 रूपया में रोज एक मरीज पर इलाज का जिम्मा

सिविल से भी कम मेडिकल कालेज गोरखपुर मिलता  है इलाज के लिए पैसा

सिविल अस्पताल लखनऊ को एक बेड पर एक दिन के लिए 1393 रूपया तो मेडिकल कालेज गोरखपुर को 152.62 रूपया 

एेसे में कैसे संभव है मेडिकल कालेजों में सही इलाज



कुमार संजय । लखनऊ


चमचमाती टाइल्स युक्त भवन है।  मशीने भी खरीद ली गयी है। बेड भी लगा है। स्टाफ भी तैनात है लेकिन है नहीं तो इलाज के लिए दवा, जांच के लिए , सर्जिकल अाइटम के लिए पैसा। सरकार मद संख्या 39 के तहत अौषधि एवं रसायन के लिए बजट देती है जिससे इलाज के सारे खर्च होते है। सरकार ने इस मद में सविलि और बलरामपुर अस्पताल से भी कम बजट गोरखपुर मेडिकल सहित अन्य मेडिकल कालेजों को बजट देती है। मेडिकल कालेज  गोरखपुर में तो 150 वेंटीलेटर भी है जबकि इन अस्पतालों में वेंटीलेटर या बडी सर्जरी का इंतजाम नहीं है। सिविल अस्पताल लखनऊ को औषधि एवं रसायन मद में लगभग चार सौ बेड लगभग 17.34 करोड़ का बजट दिया गया है। इस अनुसार एक बेड पर एक दिन के लिए मरीज को दवा , जांच सहित अन्य के लिए 1393. 16पैसा दिया जाता है। बलराम पुर अस्पताल को एक बेड पर एक मरीज  के लिए 24 घंटे इलाज का खर्च   731 रूपया दिया जाता है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल का देखे तो पता लगता है औषधि एवं रसायन के लिए 11.56 करोड़ दिया जाता है । इसके अनुसार एक बेड पर 24 घंटे के इलाज के लिए    560.55  पैसा बजट दिया जाता है।मेडिकल कालेज   गोरखपुर मेडिकल कालेज में 955 बेड है जिसमें 150  बेड वेंटीलेटर युक्त है। सरकार मद संख्या -39 के तहत जिसमें अौषधि अौर रसायन के तहत केवल पांच करोड़  32 लाख पूरे साल के लिए देती है।  इलाज, दवा , जांच के लिए 152.62  रूपए 24 घंटे एक बेड पर  दिया जाता है।


152.62  में कैसे है इलाज संभव
 विशेषज्ञों की माने तो वेंटीलटर पर रहने वाले मरीज में 24 घंटे में अाठ से बारह हजार का खर्च पीजीआइ, राम मनोहर लोहिया जैसे संस्थान में अाता है जहां पर दवाएं, सर्जिकल अाइटम , जांच किट  एचअारएफ सिस्मटम से कीमत के 40 से 50 फीसदी कम कीमत पर मरीजों को उपल्ध करायी जाती है। एेेसे में 152.62 के बजट में कैसे इलाज संभव है इस बारे में सामाजिक सरोकार मंच एवं अाईएमए लखनऊ के अध्यक्ष डा. पीके गुप्ता कहते है कि सामान्य बेड और सामान्य परेशानी में भी एक मरीज पर 24  घंटे में कम से एक हजार का खर्च अाता है। संजय गांधी पीजीआइ के अस्पताल प्रबंधन विभाग के प्रो. राजेश हर्ष वर्धन कहते है कि इस हाल में मरीज या खुद दवा, सर्जिकल अाइटम, जांच कैसे होती है यह तो रिसर्च  का विषय़ है। 

वेंटीलेटर पर अाठ से 15 हजार का खर्च

संजय  गांधी पीजीआइ के वेंटीलेटर यूनिट से जुडे प्रो.देवेंद्र गुप्ता कहते है कि वेंटीलेटर पर रहने वाले मरीज में फिल्टर, सर्किट, ट्रेकी कार्डिया ट्यूब, सेंट्रल लाइन सहित तमाम सर्जिकल अाइमट के साथ एंटी बायोटिक के अलावा मरीज की स्थित जानने के लिए तमाम ब्लड कमेंस्ट्री, ब्लड गैस, हिमैटोलाजिकल जांचे करानी होती है जिसमें एक मरीज पर 24  घंटे में अाठ से 15 हजार तक का खर्च अाता है।   


सामन्य बेड पर रोज है एक हजार का खर्च

विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य परेशानी वाले सामान्य मरीज को भर्ती करने पर  जांच , दवा, सिरिंज निडिल, नाम्रल सलाइन, पर एक हजार का खर्च अाता है। 

औषधि रसायन मद क्या है

सरकार बजट देते समय दवा, जांच किट, सर्जिकल अाइटम, सफाई के लिए केमिकल, अाक्सीजन, सिलेंडर, एंबू बैग सहित तमाम इलाज के लिए काम  अाने वाले वस्तुअों के लिए अलग से बजट देता है। गोरखपुर 152.62 एक बेड के लिए बजट साल भर के लिए दिया  जाता है। यहां पर एक बेड पर दो से तीन मरीज रहते है एेसे में इलाज कैसे संभव है। 



किस मेडिकल कालेज  को कितना मिलता है औषधि अौर रसायन के लिए बजट

इलाहाबाद- चार करोड़
झांसी मेडिकल कालेज- चार करोड़
मेरठ- 5.32
गोरखपुर- 5.32
अागरा- चार करोड़
कानपुर - 5.28
अाजमगढ़- 3 करोड़
बांदा- एक करोड़
सिविल अस्पताल लखनऊ- 17.34 करोड़
बलरामपुर अस्पताल लखनऊ- 17.51करोड़
राम मनोहर लोहिया अस्पताल-11.56 करोड़

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