मंगलवार, 15 अगस्त 2017

मच्छर अौर कुपोषण बना रहा है पूर्वाचल को बच्चों की मौत की राजधानी

बच्चों की मौत की राजधानी है पूर्वाचल 

पांच साल से कम उम्र के हजार में से 86 से 100 बच्चों की हो जाती है मौत


कुमार संजय। लखनऊ
पूर्वाचल के जिले श्रावस्ती, गोंडा, सिद्दार्थ नगर, बस्ती, संतकबीर महराजगंज, गोरखुपर , कुशीनगर , देवरिया सहित कई जिले पांच साल से कम उम के बच्चों के मौत की राजधानी साबित हो रहे है। एनुअल हेल्थ सर्वे के अांकडे इसकी गवाही देते है लेकिन सरकार का दावा है कि सब ठीक है। बच्चों के मौत के कारणों पर गौर करें तो पता चलता है संक्रमण जिसमें इंसेफेलाइिटस, डायरिया, फेफडे में संक्रमण  सहित अन्य परेशानी के कारण मौत के शिकार होते है। रिपोर्ट के मुताबिक पांच साल के कम उम्र के 80 से 92 फीसदी बच्चों में बुखार की परेशानी, 8 से 13.9 फीसदी में डायरिया, 8 से 16 फीसदी तक सांस लेने में परेशानी देखने को मिली है। सही समय पर सही इलाज न मिलने के कारण बच्चों की मौत होती है। पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत दर राज्य स्तर 92 प्रति हजार है । यह पूर्वाचल के जिलों में 135 से 86 तक है। नवजात शिशु के मौत के मामले में इन जिलों में 46 से 69 प्रति हजार है। गोरखुप मेडिकल कालेज इन्ही जिलों के बच्चे इलाज के लिए अाते है । 

पूर्वाचल में मच्छर है परेशानी की जड़

मेडिकल विवि लखनऊ के माइक्रोबायलोजिस्ट डा. प्रशांत अौर संजय गांधी पीजीआइ के माइक्रोबायलोजिस्ट  डा.टीएन ढोल कहते है कि पूर्वाचल में मच्छर सबसे बडी परेशानी की जड़ है। दवा अौर इलाज तो ठीक है परेशानी की जड़ पर प्रहार करने की जरूरत है जिसके लिए इन जिलों के गांव , कस्बों में मच्छर की दवा का छिडकाव के लिए अभियान चलाना पडेगा । संतकबीर नगर के शिक्षा विद दिग्विजय पाण्डेय कहते है कि गांव में अाज तक छिड़काव नहीं हुअा । 

 कुपोषण, अधूरा टीकाकरण है वजह
- कुपोषण, अधूरा टीकाकरण, खुले में शौच और असुरक्षित पीने का पानी है।''
- चौथे नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार 'गोरखपुर में 35% से ज्यादा बच्चे अंडरवेट हैं, जबकि 42% कमजोर या छोटे कद के हैं।'' 
- गोरखपुर टीकाकरण के मामले में भी पीछे है। यहां 3 में से 1 बच्चा जरूरी टीकाकरण चक्र को पूरा नहीं करता है। सिर्फ 35% घरों में टॉयलेट्स हैं। इससे पता चलता है कि यहां खुले में शौच की दर सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि यहां 25% बच्चे डायरिया से पीड़ित हैं।''
कुपोषित बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम
- अाशियना चाइल्ड एंड मैटर्लिटी होम के बाल रोग विशेषज्ञ डा. अनुराग  कहते हैं कि कुपोषण और अधूरा टीकाकरण बच्चों को कमजोर बना देता है और इससे इंसेफलाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं। 
- संजय गांधी पीजीआइ के पिडियाट्रिक गैस्ट्रो इंट्रोलाजिस्ट प्रो.मोइनाक सेन शर्मा कहते है कि कुपोषित बच्चों की बीमारी के मुकाबले प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और इसी वजह से डायरिया जैसी आम बीमारियों से उनकी मौत हो जाती है।''
कई साल से हो रही बच्चों की मौत
-  70% बच्चे इंसेफलाइटिस का शिकार होते हैं, वो कुपोषित होते हैं। 
- विशेषज्ञ कहते है कि  गोरखपुर में कई सालों से बच्चों की मौत हो रही है और उन्हें बचाने के लिए सख्त जरूरतों पर जोर देने के लिए डाटा की कमी नहीं है।



पांच साल से कम उम्र के बच्चो की मौत दर प्रति एक हजार
श्रावस्ती- 135
गोंडा- 96
सिद्दार्थ नगर- 118
बस्ती-106
संतकबीर नगर- 93
महराजगंज- 105
गोरखुपर- 81
कुशीनगर- 99
देवरिया- 86

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