एस टाइफी भी एक्यूट इंसेफेलाइिटस का हो सकता है कारण
पूर्वाचल के एक्यूट इंसेफेलाइिटस ग्रस्त 63 फीसद बच्चों में मिला एस टाइफी संक्रमण
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने कराया कारण जानने के लिए शोध
मिल सकती है एईएस ग्रस्त बच्चों को राहत
कुमार संजय। लखनऊ
शोध में यह रहे शामिल
नेशनल इंसटीट्यूट अाफ इपीडिमियोलाजी चेन्नई से डा. जेडब्लू थंगराजन, डा. सीपी गिरीश कुमार, डा. अार सावरीनाथन, डा. एमवी मुरहेकर, सीएमसी वेल्लूर से डा. डब्लू रोस, डा. वीपी वर्गिश, नेशनल इंसटीट्यूट अाफ वायरोलाजी गोरखपुर डा. वी बोनडरी, अाईसीएमअार दिल्ली से डा. एन गुप्ता शामिल हुए शोध को इमरजिंग इंफेक्शियस डिजीज जर्नल ने भी स्वीकार किया है।
यह है एक्यूट इंसेफेलाइिटस के लक्षण
देखा कि एक्यूट इंसेफेलाइिटस ग्रस्त 69.9 फीसद बच्चों में सीजर( मिर्गी जैसा दौरा) , 52.2 फीसद में दिमागी असंतुलन( अल्टर्ड सेंसोरियम) , 37 फीसदी में उल्टी की परेशानी थी। साथ में बुखार की परेशानी थी। इन बच्चों के सेरीब्रल स्पाइनल फ्लूड में श्वेत रक्त कणिका( डब्लूबीसी) काउंट 5 मिमी प्रति क्यूबिक से अधिक था।
52 फीसदी में नहीं चलता है कारण का पता
विशेषज्ञों का कहना है कि एक्यूट इंसेफेलाइिटस के तमाम ममलों में कारण का ही पता नहीं चल पाता है जिसके कारण इलाज की सही दिशा नहीं तय हो पाती है। देखा गया कि मेडिकल कालेज गोरखपुर में अाने वाले इस बीमारी से ग्रस्त 2011-12 में 41.6 फीसदी अौर 2013-14 में 52 फीसदी में कारण का पता नहीं लग पाया। मेडिकल विवि लखनऊ के न्यूरोलाजी विभाग के डा. सौरभ गुप्ता, बीअारडी मेडिकल कालेज गोऱखपुर के डा. राकेश कुमार शाही और डा. पी निगम ने 200 इंसेफेलाइिटस के मरीजों में शोध किया तो देखा था कि 59 फीसदी में कारण का पता नहीं लगा । 20 फीसदी में जापानी इंसेफेलाइिटस था कुछ में ईवी इंसेेफेलाइिटस, एचएसवी, ट्यूबर कुलर ,डेंगू के कारण एक्यूट इंसेफेलाइिटस कारण मिला। सबसे अधिक मामले बस्ती अौर गोरखपुर इलाके से अगस्त से अाने शुरू हुए। इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल अाफ साइटफिक स्टडी ने स्वीकार किया।
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