शुक्रवार, 18 अगस्त 2017

पीजीआइ -अोपीडी में 24 घंटे जांच के सपने रह गए अधूरे

अोपीडी में 24 घंटे जांच के सपने रह गए अधूरे

एक साल पहले संस्थान दिखाया था  मरीजों को दो घंटे में जांच रिपोर्ट देने का सपना

पुरानी अोपीडी में बन तैयार है दस लाख से लैब


जागरण संवाददाता। लखनऊ

संस्थान की अोपीडी में अाने वाले मरीजों को निजि पैथोलाजी के सिकंजे से बचाने के लिए संस्थान प्रशासन ने अोपीडी में जांच केंद्र खोलने का वादा किया था लेकिन एक साल भी बाद भी संस्थान प्रशासन यह सपना पूरा नहीं कर पाया। मरीजों को अभी रिपोर्ट के लिए अगले दिन का इंतजार करना पड़ता है नहीं तो निजि पैथोलाजी से जांच कराना पड़ता है। तमाम मरीज एेसे में जिसमें बीमारी का पता करने के लिए साधारण टेस्ट से लाइन मिल जाती है जिसके लिए तुरंत जांच की जरूरत होती है एेसे मरीजों के लिए जब 24 घंटे लैब भर्ती मरीजों के लिए खुल रही थी तो वादा किया एेसे ही लैब अोपीडी  में भी होगी। अोपीडी में लैब बनवाया भी गया जिसके निर्माण में लगभग दस लाख खर्च भी हुअा लेकिन लैब बंद पडी है। रीजेंट काट्रेक्ट पर यह लैब खोली जानी थी। इसका जिम्मा भी भर्ती मरीजों की 24 घंटे जांच करने वाली कंपनी को दिया गया था । 24 घंटे जांच की सुविधा इंडोर मरीजों को लिए है।  सामान्य जांच बायोकमेस्ट्री, ड्रग लेवल, हीमोग्लोबील सहित सामान्य जांच के अधार पर विशेषज्ञ दवा में बदलाव करते है । मरीज को अभी अगले दिन रिपोर्ट मिलने तक या उस विशेषज्ञ की अगली अोपीडी तक इंतजार करना पड़ता है । संस्थान प्रशासन का कहना था कि   24 अोपीडी लैब शुरू होने के बाद अोपीडी में दिखाने के बाद तुरंत जांच का नमूना देगा दो से तीन घंटे में रिपोर्ट मिलने के बाद उसी दिन दिखा कर दवा में बदलाव करा सकेंगे। मरीज पीजीआई के दर पर ही जांच करा सकेंगे यह वादा फिलहाल पूरा नहीं हो पाया है। 

ड्रग लेवल की जांच भी नही हो सकी शुरू

 ट्रांसप्लांट के लोगों में ड्रग लेवल के अाधार पर दवा की डोज तय होती है। अभी रिपोर्ट के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। कहा गया था कि  अोपीडी जांच सेवा शुरू होेने के बाद उसी दिन इम्यूनोसप्रेसिव सहित दूसरी दवाअों के लेवल की रिपोर्ट मरीजों को दी जाए। इस सेवा के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। जिस दर में पहले जांच होती थी उसी दर पर जांच होगी। बताते चले के लिए इम्यूनोसप्रेसिव लेव की जांच निजि क्षेत्र में 4 से पांच हजार है पीजीआई में 15  सौ में जांच हो सकती है। 

पुरानी अोपीडी में जहां पर अोपीडी मरीजों के लिए लैब स्थापित होनी है उसी एरिया में 140 बेड बढ़ना है जिसमें मोडीफिकेशन होना है इसके कारण अोपीडी में लैब नहीं शुरू की गयी है। मरीजों को वहां जाने में परेशानी होती बेड शुरू करने के बाद अोपीडी लैब शुरू की जाएगी.....निदेशक प्रो.राकेश कपूर  

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