प्रदेश में पहली बार कैंसर संस्थान में 'क्वालिटी ऑफ एविडेंस' कार्यशाला का सफल आयोजन
नीति निर्माण, इलाज और रिसर्च की गुणवत्ता में आएगा सुधार
लखनऊ।
डॉक्टरों को अब क्लिनिकल निर्णयों के लिए ठोस और वैज्ञानिक आधार मिल सकेगा, जिससे इलाज की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। इसी उद्देश्य को लेकर कल्याण सिंह अति विशिष्ट कैंसर संस्थान, लखनऊ में उत्तर प्रदेश की पहली और देश की दूसरी ‘क्वालिटी ऑफ एविडेंस’ कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह चार दिवसीय कार्यशाला निदेशक प्रो. मदन लाल ब्रह्म भट्ट के मार्गदर्शन और डॉ. आयुष लोहिया की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
इसमें 15 राज्यों से आए 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक, आईसीएमआर के वैज्ञानिक, विद्यार्थी और शोधार्थी शामिल थे। कार्यक्रम को आईसीएमआर–डीएचआर के 'सारांश–2' प्रोजेक्ट के तहत आयोजित किया गया।
एम्स, केजीएमयू, बीएचयू और केएसएसएससीआई जैसे प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण दिया। संकाय में डॉ. रिजवान, डॉ. अदिति मोहता, डॉ. अभिषेक जयसवाल, डॉ. फरहाद अहमद, डॉ. प्रदीप खार्या, डॉ. रामा शंकर रथ, डॉ. बालेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. मनीष कुमार सिंह, डॉ. गीतिका पंत और डॉ. इंदुबाला मौर्या शामिल थे।
यह कार्यशाला नीति निर्माताओं, चिकित्सकों और मरीजों — तीनों के लिए फायदेमंद साबित होगी:
केंद्र और राज्य सरकार को मजबूत व भरोसेमंद वैज्ञानिक साक्ष्य मिलेंगे, जिससे वे प्रभावी और जनहितकारी स्वास्थ्य नीतियां बना सकेंगी। डॉक्टरों को क्लिनिकल निर्णयों के लिए सशक्त वैज्ञानिक प्रमाण मिलेंगे जिससे इलाज अधिक सुरक्षित और प्रभावशाली होगा।
मरीज अपने इलाज को बेहतर समझ सकेंगे और डॉक्टर के साथ मिलकर निर्णय लेने में अधिक सक्षम होंगे।
कार्यशाला से रिसर्च की गुणवत्ता भी बढ़ेगी और इससे बीमारी की पहचान, रोकथाम, इलाज और पुनर्वास जैसे क्षेत्रों में नई दिशा मिलेगी।

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