मरीजों को आसानी में मिले
आयुष्मान योजना का लाभ
ईएचसीपी के प्रशिक्षण हेतु पीजीआई में कार्यशाला
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की कार्यकुशलता बढ़ाने और योजना के संचालन में मानकीकरण लाने के उद्देश्य से लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस आयोजन का नेतृत्व
स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेन्सिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज़ साचीस और एसजीपीजीआईएमएस के संयुक्त प्रयास से किया गया।
अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख और चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि
उत्तर प्रदेश में 2,546 से अधिक अस्पताल इस योजना में सूचीबद्ध हैं, जिनमें से 1,032 सरकारी, 1,220 निजी लाभकारी तथा 294 निजी गैर-लाभकारी संस्थान शामिल हैं।
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 60 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में साचीस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्चना
वर्मा, अपर सीईओ डॉ. पूजा यादव, एसजीपीजीआईएमएस के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. देवेंद्र गुप्ता, मानव संसाधन प्रमुख एवं महाप्रबंधक रंजीत समीर उपस्थित रहे।
उद्घाटन सत्र में प्रो. हर्षवर्धन ने प्रशिक्षण की आवश्यकता और ईएचसीपी की भूमिका को रेखांकित किया। प्रो. देवेंद्र गुप्ता ने इस योजना को गरीबों के लिए "गेम चेंजर" बताया, जिससे पहले इलाज से वंचित रह जाने वाले मरीजों को अब मुफ्त सेवाएं मिल रही हैं।
तकनीकी सत्रों में साचीस की टीम द्वारा योजना के विभिन्न डिजिटल घटकों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
यूज़र मैनेजमेंट पोर्टल
लाभार्थी पहचान प्रणाली
ट्रांजैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम
हॉस्पिटल इम्प्लीमेंटेशन के बारे में जानकारी दी गई।
प्रतिभागियों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के बारे में भी बताया गया, विशेष रूप से इसके एकीकरण और व्यवहारिक लाभों को समझाया गया।
एक खुले सत्र में प्रतिभागियों ने योजना के फील्ड लेवल (क्षेत्रीय स्तर) पर आने वाली समस्याओं को साझा किया।

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