ए आई स्टेथोस्कोप से आसान होगी आर एच डी की पहचान
पीजीआई में
वैज्ञानिक समिति की बैठक
उत्तर प्रदेश से रूमेटिक हृदय रोग खत्म करने की दिशा में बड़ी पहल
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में 11 जुलाई 2025 को ‘आरएचडी रोको पहल’ को दिशा देने के लिए वैज्ञानिक सलाहकार समिति की उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। यह पहल एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश सरकार और स्टैनफोर्ड बायोडिज़ाइन के सहयोग से शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य अगले दशक में रूमेटिक हृदय रोग का उन्मूलन है।
बैठक की अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री पार्थ सारथी सेन शर्मा ने की। एसजीपीजीआई की ओर से पद्मश्री प्रो. आर.के. धीमन, प्रो. आदित्य कपूर और प्रो. एस.के. अग्रवाल ने नेतृत्व किया। बैठक में स्टैनफोर्ड बायोडिज़ाइन से प्रो. अनुराग मैरल, डॉ. सौलनी दोशी और डॉ. जगदीश चतुर्वेदी, अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन से डॉ. क्रेग सेबल, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स से डॉ. अनीता सक्सेना, नेपाल हार्ट फाउंडेशन से डॉ. प्रकाश राज रेग्मी, पाथ से डॉ. अर्पित पटनायक, डॉ. रोहिताश्व कुमार और डॉ. सत्यब्रत राउत्रे, एडवर्ड्स लाइफसाइंसेज़ से डॉ. रोहित सिंह और ट्राइकोग से डॉ. चरित भोगराज सहित कई विशेषज्ञ उपस्थित थे। यूपी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रतिनिधि डॉ. एस.के. गौतम और डॉ. रेशमा मसूद भी बैठक में शामिल हुए।
प्रो. अनुराग मैरल ने कहा कि यह एक परिवर्तनकारी पब्लिक हेल्थ मॉडल बन सकता है। डॉ. धीमन ने इसे प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजीकी दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। डॉ. पार्थ सारथी सेन शर्मा ने आरबीएसके (राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम) कार्यकर्ताओं की भागीदारी से पहल को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की बात कही।
प्रो. आदित्य कपूर ने बताया कि मौखिक प्रश्नावली और ट्राइकोग द्वारा डिज़ाइन एआई स्टेथोस्कोप से आरएचडी की शुरुआती पहचान संभव है, जिसे एसजीपीजीआई में सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। प्रो. अग्रवाल ने जिला स्तर पर शीघ्र निदान और रेफरल के लिए क्षमता निर्माण की जरूरत पर बल दिया।
‘आरएचडी रोको’ परियोजना चार चरणों में कार्य करेगी जिसमें
प्रारंभिक जांच,
एआई स्टेथोस्कोप से मर्मर की पहचान,
जिला अस्पताल में इकोकार्डियोग्राफी
पुष्ट मामलों का एसजीपीजीआई रेफरल शामिल है।
समिति पूरे प्रदेश में डीईआईसी,पीएचसी और सीएचसी के लिए नैदानिक प्रोटोकॉल तैयार करेगी, प्रशिक्षण और कार्यान्वयन की निगरानी भी करेगी।


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