रविवार, 13 जुलाई 2025

नर्सिंग भर्ती में केवल प्रदेश वालो का हो आवेदन अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का न हो चयन ।

 

नर्सिंग भर्ती  में केवल प्रदेश वालो का हो आवेदन अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों का न हो चयन 


उत्तर प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानो तथा मेडिकल कॉलेजो में नर्सिंग भर्ती की प्रक्रिया प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर की जा रही है जिसमें देखा जा रहा है कि अन्य प्रदेशों के लोग आवेदन करते है और अन्य प्रदेशों के लोगों का ही चयन भी भारी मात्रा में हो रहा है । चिकित्सा संस्थानों में आजकल राजस्थान के लोग अधिकांशतः दिखाई दे रहे है ।सुभासपा श्रम प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रितेश मल्ल जी ने मा मुख्यमंत्री जी से मांग किया है कि उ प्र नर्सिंग भर्ती परीक्षा में केवल उ प्र के निवासियों एवं उ प्र के डिप्लोमा धारियों का ही आवेदन करवाया जाए तथा अन्य प्रदेशों के अभ्यर्थियों के आवेदन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। मल्ल जी ने यह भी कहा है कि अन्य प्रदेश जैसे केरल ,हरियाणा, राजस्थान ,मध्य प्रदेश, बिहार में वही के निवासी तथा वहीं की शैक्षिक योग्यता सरकार द्वारा अनिवार्य किया गया है लेकिन उ प्र सरकार की ओर से इस पर रोक नहीं लगाए जाने के कारण अपने यहां के युवा , योग्य तथा अनुभवी लोग स्थाई नौकरी से वंचित रह जा रहे हैं । अन्य प्रदेशों के लोग आकर उ प्र में नौकरी प्राप्त कर ले रहे हैं ऐसे में सरकार की जो मनसा है रोजगार के क्षेत्र में उस पर पानी फिर रहा है ।

 नर्सिंग भर्ती में केवल उ प्र का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है बाहर के लोग आकर प्रदेश में रजिस्ट्रेशन करवा ले रहे हैं और आवेदन करके नौकरी प्राप्त कर ले रहे हैं जो की उचित नहीं है।

 इसलिए सरकार के यशस्वी मा मुख्यमंत्री जी से अपील है कि युवा हित को ध्यान में रखते हुए तथा प्रदेश की इकोनॉमी और प्रतिव्यक्ति आय को मजबूत किए जाने हेतु उ प्र नर्सिंग भर्ती परीक्षा में केवल यहां के निवासियों तथा उ प्र की शैक्षिक योग्यता वालों को ही आवेदन करने का अधिकार दिया जाए।  नर्सिंग भर्ती परीक्षा नियमावली में संशोधन किया जाए जिससे उत्तर प्रदेश के युवा उपेक्षित महसूस ना करें ।

इसी तरह स्टेट मेडिकल फैकल्टी में रजिस्टर्ड लोगों को ही प्रदेश में नौकरी मले  जो उत्तर प्रदेश में रजिस्टर्ड नहीं है उनको यहां पर नौकरी नहीं देना चाहिए हमारे प्रदेश में ही लाखों लोग बेरोजगार है दूसरे प्रदेशों से आकर लोग यहां हमारे रोजगार पर कब्जा कर रहे है।

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