बुधवार, 2 जुलाई 2025

सीपीआर और एईडी से जान बचाना संभव, आवास भवन में स्थापित हुई 'शॉक मशीन'

 

सीपीआर और एईडी से जान बचाना संभव, आवास भवन में स्थापित हुई 'शॉक मशीन'


"सी.पी.आर. जानें, ए.ई.डी. का उपयोग करें, जीवन को दूसरा मौका दें" थीम पर आधारित अचानक हृदयाघात जागरूकता एवं सीपीआर कार्यशाला के बाद आज उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद भवन में स्वचालित बाह्य डिफाइब्रिलेटर (एईडी) स्थापित किया गया। यह मशीन अचानक हृदयाघात (एस सी ए) के दौरान पीड़ित की जान बचाने में मदद करती है।


एसजीपीजीआई कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. आदित्य कपूर ने बताया कि भारत में हर साल 6-7 लाख लोग एस  सी ए के कारण दम तोड़ देते हैं। यदि पहले तीन मिनट में सीपीआर या एईडी न मिले, तो बचने की संभावना लगभग खत्म हो जाती है। हर 1 मिनट की देरी से यह संभावना 10 फीसदी घट जाती है।


आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह, आईएएस ने कहा कि सीपीआर एक सरल, लेकिन जीवन रक्षक कौशल है जिसे हर किसी को सीखना चाहिए। उन्होंने एसजीपीजीआई और आईसीआईसीआई बैंक के सहयोग की सराहना की।


कार्यक्रम में उप आवास आयुक्त सुश्री पल्लवी मिश्रा (पीसीएस), आईसीआईसीआई बैंक से श्री धीरज, श्री तरुण और श्री क्षितिज उपस्थित रहे।

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