गुरुवार, 20 जुलाई 2023

पीजीआई के विशेषज्ञों ने दिया तीसरी बार कैंसर को मात

 पीजीआई के विशेषज्ञों ने दिया   तीसरी बार कैंसर को मात



तीसरी बार  कैंसर हुआ तो लगा जिंदगी खत्म लेकिन मिल गई जिंदगी

 तीसरी बायीं तरफ की बड़ी आंत में कैंसर को निकाला और पिछली सर्जरी के नलियों को दोबारा  जोडा   

 


    

कानपुर से 49 वर्षीय प्रेम शंकर दो बार पेट के कैंसर से शिकार हुए । संजय गांधी पीजीआई के गैस्ट्रो सर्जन दो बार सर्जरी और कीमोथेरेपी से जिंदगी बचा लिए । सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन 10 साल दोबारा उनका हीमोग्लोबिन घट कर पांच हो  गया। प्रेम शंकर संस्थान के गैस्ट्रो सर्जन के पास आए तो पता चला कि तीसरे बार भी कैंसर पेट में बायीं तरफ बड़ी आंत में हो गया है। इस बार जगह दूसरी है। सर्जरी ही इलाज था जिसके लिए प्लानिंग प्रो. अशोक कुमार ने टीम साथ किया क्योंकि यह सर्जरी काफी जटिल थी। दो बार जटिल सर्जरी हो चुकी थी तीसरी बार कैंसर उन जगहों पर फैल गया था जहां पर पहले सर्जरी के बाद अंगों को जोड़ा गया था। प्रो. अशोक के मुताबिक प्लानिंग के तहत पेट जब खोला तो कैंसर ( ट्यूमर ) दिख  नहीं रहा था क्योंकि आंत आपस में बुरी तरह से चिपकी थी। पहले आंत को अलग करने के बाद ट्यूमर को खोजा फिर इस ट्यूमर के साथ आस-पास फैले कैंसर, लिम्फनोड को निकाला। इसके बाद पहली सर्जरी जो 2009 में जो हुई थी उसमें पित्त की नली, पैंक्रियाज की नली और आमाशय जो जोड़ा गया था उसमें भी कैंसर सेल फैल गया था। उस भाग को निकाला गया। नलियों को रास्ते को दोबारा बनाया गया। इस तरह दो स्टेप में सर्जरी पूरी हुई जो सात घंटे तक चली।  सर्जरी के बाद अब प्रेम शंकर जी पूरी तरह ठीक है। अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है। आगे अब कीमोथेरेपी की प्लानिंग की जा रही है हालांकि रिपोर्ट संतोषजनक है।

टीम ने किया सर्जरी

 प्रो. अशोक कुमार, डा. सोमनाथ, डा. श्रीनिवास, डा. प्रशांत, एनेस्थीसिया प्रो. अरुणा भारती, प्रो. चेतना डा. जमाल , डा. अनिल, सिस्टर अनीता और सिस्टर कंचन ।  


तीसरी बार कैंसर होने पर अमूमन नहीं करते है सर्जरी

 

देखा गया है कि तीसरी बार कैंसर होने पर सर्जन सर्जरी करने से बचते है क्योंकि सफलता काफी कम मिलती है। सर्जरी भी जटिल होती है। इस चैलेंज को हमने स्वीकार किया जिसमें सफलता भी मिली । इस केस को हम नेशन इंटरनेशनल जर्नल में रिपोर्ट करने जा रहे हैं। कैंसर की सर्जरी के बाद लगातार फालोअप में रहना चाहिए जिससे दोबारा कोई परेशानी होने पर पहले पता लगा सकें।  

 

 

पता करेंगे कारण

बार –बार कैंसर हो रहा है। पहली बार ड्यूडेनम( पैंक्रियाज के पास) दूसरी बार दायी तरफ बड़ी आंत में इस बार बायीं तरह बड़ी आंत में कैंसर हुआ। इसके पीछे अनुवांशिक कारण हो सकता है जिसका पता लगने के लिए हम शोध कर रहे हैं।

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