रविवार, 30 जुलाई 2023

ब्रेन डेड व्यक्ति ने दो मरीजों को दिया नया जीवन

 ब्रेन डेड व्यक्ति ने दो मरीजों को दिया नया जीवन




-ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीजीआई भेजा गया गुर्दा
 -पीजीआई और अपोलो मेडिक्स में एक-एक मरीजों को किया गया गुर्दा प्रत्यारोपणत



ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति ने जिंदगी की जंग लड़ रहे दो मरीजों को नया जीवन दिया है। महिला के परिजनों की सहमति पर पीजीआई और अपोलो मेडिक्स में एक-एक मरीज को गुर्दा प्रत्यारोपित किया गया। डॉक्टरों का दावा है कि प्रत्यारोपण के बाद दोनों मरीज ठीक हैं। शनिवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे अपोलो मेडिक्स से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुलिस को निगरानी में एम्बुलेंस से डॉक्टरों को मौजूदगी में गुर्दा पीजीआई भेजा गया। एम्बुलेंस को अपोलो मेडिक्स से पीजीआई की करीब 10 किमी की दूरी तय करने में करीब नौ मिनट लगे। 
पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद ने बताया कि शनिवार को अपोलो मेडिक्स हॉस्पिटल में ब्रेनडेड व्यक्ति की जानकारी होने पर आनन फानन गुर्दा प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में शामिल मरीजों को बुलाया गया। उनकी जांचें करायी। इसमें रायबरेली की 61 वर्षीय महिला मरीज का गुर्दा उससे मेल खाया। संस्थान के यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. एमएस अंसारी और डॉ. संजय सुरेखा व नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. नारायण प्रसाद व उनकी टीम के निर्देशन में मरीज का सफल गुर्दा प्रत्यारोपण किया गया। क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित मरीज का पीजीआई में लम्बे समय से इलाज चल रहा था। डॉ. नारायण प्रसाद ने बताया कि एक गुर्दा अपोलो मेडिक्स में एक मरीज को प्रतयारोपित किया गया। 61 वर्षीय व्यक्ति के हादसे में घायल होने पर दो दिन पहले ओपोलो मेडिक्स अस्पताल में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार देर रात व्यक्ति को ब्रेन डेड घोषित किया गया। परिवार की सहमति पर अंगदान का निर्णय लिया गया। पीजीआई स्थित स्टेट आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) की सहमति पर ब्रेन डेड व्यक्ति का गुर्दा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीजीआई भेजा गया।


पीजीआई के अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख व स्टेट आर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) के नोडल अफसर डॉ. राजेश हर्षवर्षन ने बताया कि 60 वर्षीय पति के ब्रेन बेड होने पत्नी ने अंगदान दी सहमति दी। इसके बाद गुर्दा प्रत्यारोपण का निर्णय लिया गया। ब्रेन डेड व्यक्ति का एक गुर्दा ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीजीआई भेजा गया। जबकि दूसरे गुर्दे का प्रत्यारोपण अपोलो में किया गया।

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