रविवार, 16 जुलाई 2023

ब्लड प्रेशर की तरह आंख में भी बढ़ता है प्रेशर-ग्लूकोमा का मुख्य कारण साबित हो रहा है आँख में प्रेशर


ब्लड प्रेशर की तरह आंख में भी बढ़ता है प्रेशर

आंख में प्रेशर को आप्टिक नर्व हो सकता है डैमेज

ग्लूकोमा का मुख्य कारण साबित हो रहा है आँख में प्रेशर

 

 

ब्लड प्रेशर की तरह आंख का भी प्रेशर बढ़(ओकुलर हाइपरटेंशन) जाता है जिसकी सही समय पर सही इलाज न होने पर आप्टिक नर्व डैमेज हो सकती है। यह ग्लूकोमा का कारण साबित हो सकता है। नर्व डैमेज होने के बाद आंख की रोशनी लाना तमाम मामलों में संभव नहीं होता है। 40 की उम्र के बाद हर व्यक्ति को आंख प्रेशर की जांच करानी चाहिए। ऐसी ही तमाम जानकारी संजय गांधी पीजीआई के नेत्र रोग विभाग द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दी गयी। कोर्स में पूरे प्रदेश से 110 से अधिक छात्र और 60 से अधिक नेत्र रोग विशेषज्ञ भाग लिए। छात्रों की आंख की कई बीमारी और इलाज के बारे में जनाकारी दी गयी। विभाग के प्रमुख प्रो.विकास कनौजिया और प्रो. रचना अग्रवाल ने बताया कि आंखों में दबाव होना या दर्द महसूस होनाआँखों की बाक़ी समस्या से एकदम अलग है। यह मस्तिष्क के दूसरे हिस्से से शुरू होता है। कई बार तनावसिरदर्दक्लस्टर सिरदर्दमाइग्रेन आदि वजह से भी हो जाती है। ग्लूकोमा हमारी आँख के अंदर दबाव का एक परिणाम है। लाल आंखें हो जाना या आँखों में एलर्जी हो जाने से आँखों में दर्द तो होता है। आँखों के पीछे होने वाले दबाव या दर्द ,  जलन और चुभन का अहसास होता है। कई बार इसकी वजह से आँखों में खिंचाव भी अधिक बढ़ जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि आंख में प्रेशर का इलाज जैसे पूरे जीवन ब्लड प्रेशर का लेना होता है बैसे लेकर रोशनी घटने की दर को काफी कम किया जा सकता है।

  

क्या है आंख का प्रेशर

आंखों का प्रेशर एक तय मात्रा से ज़्यादा बढ़ा होता है तो ग्लूकोमा हो सकता हैआंखों का प्रेशर नॉर्मल तौर पर 10 से 21 मिलीमीटर ऑफ मरक्यूरी के बीच में पाया जाता है। कभी-कभी नॉर्मल प्रेशर के साथ भी ये बीमारी पाई जा सकती है।

क्या है इलाज

 

 प्रोस्टामाइड्सप्रोस्टाग्लैंडीन एनालॉग और पैरासिम्पेथोमेटिक्स, बीटा-ब्लॉकर्स द्रव प्रवाह को बढ़ाता और कार्बोनिक एनहाइड्रेज़ इनहिबिटर (सीएआई) अधिक पानी बनने से रोकता है।  अल्फा-एड्रीनर्जिक एगोनिस्ट जलीय उत्पादन को कम करके और यूवेओस्क्लेरल प्रवाह को बढ़ाकर आंख में दबाव को कम करते हैं।  ब्रिमोनिडाइन के साथ प्रोस्टामाइड या प्रोस्टाग्लैंडीन कंबीनेशन में देने से काफी लाभ देखा गया है।

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