रविवार, 16 जुलाई 2023

नई तकनीक से 90 फीसदी बढ़ेगी नाक की सुंदरता

 पीजीआई प्लास्टिक सर्जरी विभाग का स्थापना दिवस



नई तकनीक से 90 फीसदी बढ़ेगी नाक की सुंदरता

पीजीआई में हर महीने 25 लोग आ रहे है नाक की सुंदरता ठीक कराने

 

अब इलाज के ही नहीं सुंदरता के लिए भी लोग प्लास्टिक सर्जन के पास आ रहे है। संजय गांधी पीजीआई के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में हर महीने 25 से 30 लड़कियां और लड़के नाक की बनावट को सुंदर बनाने के लिए आ रहे है। विभाग स्थापना दिवस पर आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में विभाग के प्रमुख प्रो. राजीव अग्रवाल ने नाक की बनावट ठीक करने की तकनीक राइनोप्लास्टी पर विशेष व्याख्यान दिया। प्रो. अग्रवाल ने बताया कि नाक की बनावट में कई तरह की खराबी होती है जैसे नाम दबी होना, टेढी होना सहित अन्य शामिल है। नाक पर सबसे नजर लोगों की पड़ती है। नाक सुंदर न होने पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। नाक को ठीक करने की 10 से 12 तकनीक है जिसका अलग –अलग परेशानी में इस्तेमाल होता है। इन तकनीकों के जरिए 90 फीसदी तक नाक की बनावट में सुधार संभव है। रोड एक्सीडेंट में कई बार नाक पर चोट लगने से खराब हो जाती है जिससे सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। सफेद दाग यदि बढ़ नहीं रहा है तो इसका भी इलाज सर्जरी स्किन रीप्लेसमेंट के जरिए संभव है। इस मौके पर केईएम मुंबई के डा. कपिल अग्रवाल, ओमान से डा. तैमूर, मेंदाता के डा. वैभव खन्ना , एसजीपीजीआई के  प्रो. अंकुर भटनागर, प्रो. अनुपमा सिंह, डा. तंजुम कंबोज, डा. भूपेश, डा. राजीव भारती, डा. निखलेश , डा. गौतम सहित अन्य विशेषज्ञों बताया कि प्लास्टिक सर्जरी की भूमिका एक्सीडेंट, जंमजात बनावटी खराबी, बर्न, नसों की परेशानी, बेड शोऱ , घाव के इलाज में अहम भूमिका है। निदेशक प्रो.आरके धीमन ने विभाग के स्थापना दिवस पर बधाई दिया।

  नई तकनीक से जल्दी भरेगा घाव

विभाग के प्रो. अंकुर भटनागर एवं प्रो. अनुपमा सिंह ने बताया कि नेगेटिव प्रेशर वुंड थेरेपी के जरिए घाव को जल्दी ठीक किया जा सकता है। इस थेरेपी में एक मशीन के साथ नेगेटिव प्रेशर घाव पर दिया जाता है जिससे धाव से संक्रमण , पस बाहर आ जाता है । घाव में बाधित रक्त प्रवाह सामान्य होने लगता है। घाव जल्दी भरने लगता है। सामान्य ड्रेसिंग से यदि घाव एक महीने में भरता है तो इस थेरेपी से 14 से 15 दिन में भर जाता है। 

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