शुक्रवार, 9 मई 2025

एआई से लैस नई तकनीक से पीजीआई में और बेहतर होगी एंजियोप्लास्टी,

 




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एआई से लैस नई तकनीक से पीजीआई में और बेहतर होगी एंजियोप्लास्टी, ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी प्रणाली शुरू


 – संजय गांधी  पीजीआई में दिल के मरीजों के इलाज के लिए एक नई और उन्नत तकनीक की शुरुआत की गई है। कार्डियोलॉजी विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  से लैस इंट्रावैस्कुलर ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी (ओ सी टी ) मशीन लगाई गई है। इससे हृदय की ब्लॉकेज यानी रुकावट को दूर करने के लिए की जाने वाली एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया अब और सटीक और सफल होगी।


यह तकनीक फ्रैक्शनल फ्लो रिजर्व , रिलेटिव फ्लो रिजर्व और थ्री डी एंजियो को-रजिस्ट्रेशन जैसी आधुनिक विधियों को एक साथ जोड़ती है। इससे डॉक्टर दिल की रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी स्थिति को बेहद साफ और गहराई से देख सकते हैं।


इस तकनीक से प्लाक (ब्लॉकेज), कैल्सीफिकेशन (चिकनाई जमना), रक्त वाहिका का आकार, और स्टेंट की स्थिति की जांच पहले से कहीं बेहतर हो सकेगी। साथ ही, यह एंजियोग्राफी के आंकड़ों को भी जोड़कर डॉक्टरों को पूरा दृश्य दिखा सकती है। अब तक इस नई प्रणाली से 10 मरीजों की एंजियोप्लास्टी सफलतापूर्वक की जा चुकी है।


विशेषज्ञों ने जताई संतुष्टि

कार्डियोलॉजी विभाग की टीम – प्रो. आदित्य कपूर, प्रो. सत्येन्द्र तिवारी, प्रो. रूपाली खन्ना, प्रो. नवीन गर्ग और डॉ. अंकित साहू – ने इस नई तकनीक की सफलता पर खुशी जताई है। उनका कहना है कि इससे एंजियोप्लास्टी में स्टेंट का चुनाव भी पहले से ज्यादा सटीक होगा और इलाज की सफलता दर बढ़ेगी।


कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. आदित्य कपूर ने  बताया कि यह मशीन हाई-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग, थ्री-डी तस्वीरें, और एक साथ एंजियोग्राफी और ओसीटी डिस्प्ले जैसे फीचर्स देती है। इससे इलाज की गुणवत्ता और मरीजों के नतीजों में सुधार होगा।


संस्थान के निदेशक प्रो. आर. के. धीमन ने भी कार्डियोलॉजी विभाग की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीक मरीजों की बेहतर देखभाल की दिशा में एक अहम कदम है।

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