शनिवार, 31 मई 2025

कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में जल्द शुरू होगा तंबाकू निषेध परामर्श केंद्र

 

कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में जल्द शुरू होगा तंबाकू निषेध परामर्श केंद्र

प्रलोभन का पर्दाफाश थीम पर आयोजित हुआ जागरूकता कार्यक्रम



विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2025 के अवसर पर शुक्रवार को कल्याण सिंह विशिष्ट कैंसर संस्थान, लखनऊ में जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम “प्रलोभन का पर्दाफाश” रही। कार्यक्रम का उद्देश्य तंबाकू उत्पादों से होने वाले कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करना और यह संदेश देना था कि समय पर जांच और सही इलाज से कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचा जा सकता है।


संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मदन लाल ब्रह्मा भट्ट ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पान मसाला, सुपारी, तंबाकू, खैनी, गुटखा आदि के सेवन से कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। उन्होंने बताया कि 80 प्रतिशत कैंसर रोगी तंबाकू सेवन करने वाले होते हैं। उन्होंने तंबाकू और निकोटिन उद्योगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह कंपनियाँ जानबूझकर युवाओं को गुमराह कर उन्हें लत की ओर धकेल रही हैं। इनके भ्रामक विज्ञापन बच्चों और किशोरों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अपनी युवा पीढ़ी को इन छलपूर्ण प्रचारों से बचाने के लिए एकजुट होना होगा।


प्रो. भट्ट ने घोषणा की कि संस्थान में शीघ्र ही एक तंबाकू निषेध परामर्श केंद्र (क्लिनिक) की शुरुआत की जाएगी, जो जनस्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित होगा।


कार्यक्रम का संयोजन डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता (किरण चिकित्सा विभाग) एवं डॉ. आयुष लोहिया (जनस्वास्थ्य विभाग) ने किया। अपने स्वागत भाषण में डॉ. लोहिया ने बताया कि भारत में हर चार में से एक व्यक्ति तंबाकू का सेवन करता है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्र में इसका प्रतिशत अधिक है। उन्होंने यह भी बताया कि 20 प्रतिशत कैंसर के मामले बिना धुएँ वाले तंबाकू, 10 प्रतिशत धूम्रपान और 3 प्रतिशत दोनों प्रकार के सेवन के कारण होते हैं। पान, सुपारी और कत्था जैसी वस्तुएँ भी मुख, मसूड़ों और तालू के कैंसर का कारण बन सकती हैं।


इस अवसर पर डॉ. विजेंद्र कुमार, डॉ. वरुण विजय, श्री रजनीकांत वर्मा सहित संस्थान के कई वरिष्ठ चिकित्सक, अधिकारी व संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें