प्रो हर्षवर्धन बने पीजीआई के एम एस
अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर राजेश हर्षवर्धन को संस्थान का चिकित्सा अधीक्षक बनाया गया है निदेशक प्रोफेसर आरके धीमान ने इस आशय का आदेश आज जारी किया। प्रोफेसर हर्षवर्धन ने आज ही शाम को कार्यभार ग्रहण कर लिया। प्रोफेसर हर्षवर्धन अंगदान को बढ़वा देने, हॉस्पिटल वेस्ट मैनेजमेंट सहित कई संस्थान के कार्यों को लगन से पूरा कर रहे हैं।
चिकित्सा अधीक्षक (Medical Superintendent) का कार्य एक सामान्य अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक की तुलना में कहीं अधिक जटिल और व्यापक होता है।
1. अस्पताल प्रशासन का नेतृत्व:
ओपीडी, आईपीडी, आपातकालीन, ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू आदि विभागों के समन्वय और संचालन की निगरानी।
अस्पताल में प्रतिदिन आने वाले हजारों मरीजों के लिए सुव्यवस्थित चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करना।
डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन, सफाईकर्मी आदि की कार्यप्रणाली का पर्यवेक्षण।
2. उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवाओं की देखरेख:
सुपर-स्पेशलिटी और मल्टी-स्पेशलिटी सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना।
मरीजों को समय पर उचित उपचार और रेफरल सेवाएं उपलब्ध कराना।
3. आपातकालीन और आपदा प्रबंधन:
किसी भी राष्ट्रीय आपदा, महामारी (जैसे कोविड-19), या विशेष स्थिति में अस्पताल की त्वरित प्रतिक्रिया का संचालन।
आपातकालीन दवाओं और सुविधाओं की उपलब्धता बनाए रखना।
4. प्रशासनिक और वित्तीय प्रबंधन:
अस्पताल के बजट, संसाधन आवंटन और उपयोग की निगरानी।
सरकारी नीतियों के अनुसार अस्पताल संचालन सुनिश्चित करना।
5. कानूनी और नैतिक दायित्व:
मरीजों के अधिकारों, गोपनीयता और मेडिकल एथिक्स का पालन कराना।
RTI, जनहित याचिका (PIL), मानवाधिकार आयोग, या अदालतों से संबंधित मामलों का उत्तरदायित्व निभाना।
6. स्वास्थ्य सेवाओं का नवाचार और डिजिटलाइजेशन:
ई-हॉस्पिटल प्रणाली, डिजिटल रिकॉर्ड, टेलीमेडिसिन आदि के संचालन में योगदान।
गुणवत्ता सुधार (Quality Improvement) और NABH/NABL जैसे मानकों की निगरानी।
7. शिक्षा और प्रशिक्षण में सहयोग:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें