शनिवार, 24 मई 2025

थायराइड की दवा कभी भी अपने आप बंद नहीं करनी चाहिए।

 

विश्व थायराइड दिवस पर एसजीपीजीआई में सीएमई का आयोजन


थायराइड हार्मोन के असंतुलन से थकान, अवसाद व बांझपन जैसी समस्याएं


 संजय गांधी पीजीआई के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग ने नर्सिंग कॉलेज के सहयोग से विश्व थायराइड दिवस के अवसर पर एक व्यापक सतत चिकित्सा शिक्षा  कार्यक्रम आयोजित किया। यह आयोजन एडवांस्ड डायबिटीज सेंटर स्थित नर्सिंग कॉलेज ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ।


कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. सुभाष बी. यादव के स्वागत भाषण से हुई। आयोजन में डॉ. शिवेंद्र वर्मा और डॉ. बिभूति, प्रो विजय लक्ष्मी ने थायराइड बीमारी के बारे में जानकारी  दी।  सीएमई के दौरान थायराइड विकारों पर विशेषज्ञ सत्र आयोजित किए गए, जिनमें डॉ. आयुषी सिंघल, डॉ. प्रशांत, डॉ. निरुपमा और डॉ. संगीता ने हाइपरथायरायडिज्म, हाइपोथायरायडिज्म, गर्भावस्था में थायराइड विकार और नवजात स्क्रीनिंग जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञों ने बताया कि थायराइड की दवा कभी भी अपने आप     बंद नहीं करनी चाहिए। दवा की मात्रा कभी भी अपने आप काम या अधिक नहीं करनी चाहिए। 


थायराइड ग्रंथि से निकलने वाले हार्मोन मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करते हैं, और इनके असंतुलन से शरीर में कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म विशेषकर महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करते हैं।


कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो. आर. के. धीमन, डीन डॉ. शालीन कुमार और नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. राधा के ने विशेष सहभागिता निभाई।

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