बुधवार, 7 मई 2025

सेकंड सौ वें भाग की भी चूक से मरीज के अंग हो सकते है फेल

 

एक सेकंड सौ वें भाग की भी चूक  से मरीज के अंग हो सकते है फेल 


परफ्यूशनिस्ट के बिना हृदय सर्जरी की कल्पना असंभव


एसजीपीजीआई में परफ्यूशनिस्ट दिवस का आयोजन  






दिल की सर्जरी के दौरान अक्सर दिल को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ता है। इस समय हृदय और फेफड़ों का कार्य एक विशेष मशीन — हार्ट-लंग मशीन — से लिया जाता है। दिल को बंद करने और मशीन से रक्त प्रवाह शुरू करने के बीच एक सेकंड की भी चूक मरीज की जान के लिए खतरा बन सकती है। यदि दिल से रक्त प्रवाह एक सेकेंड के लिए भी रुक जाए, तो शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं।इस नाजुक प्रक्रिया में दिल और मशीन के बीच समन्वय स्थापित करने वाले विशेषज्ञ को परफ्यूशनिस्ट कहा जाता है।


 संजय गांधी पीजीआई में आज उत्तर प्रदेश परफ्यूशनिस्ट सोसायटी के तत्वावधान में परफ्यूशनिस्ट दिवस मनाया गया।इस अवसर पर आयोजित अकादमिक सत्र में सोसाइटी के संरक्षक एस.बी. सिंह ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी के दौरान परफ्यूशनिस्ट का कार्य अत्यंत जटिल और संवेदनशील होता है। जब सर्जरी के दौरान हृदय और फेफड़े बंद होते हैं, तब शरीर के प्रत्येक अंग में रक्त और ऑक्सीजन पहुंचाने का जिम्मा परफ्यूशनिस्ट का होता है।मैक्स अस्पताल के  के.एन. सिंह ने बताया कि परफ्यूशनिस्ट भले ही पर्दे के पीछे काम करता है, लेकिन ओपन हार्ट सर्जरी में उसकी भूमिका अनिवार्य होती है। 


केजीएमयू के  मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि परफ्यूशनिस्ट के बिना ओपन हार्ट सर्जरी की कल्पना भी नहीं की जा सकती।एसजीपीजीआई के  विनय प्रताप सिंह ने बताया कि परफ्यूशनिस्ट की एक सेकंड के सौवें हिस्से की भी गलती मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इससे ब्रेन डेड, किडनी फेल्योर जैसे गंभीर परिणाम हो सकते हैं।आरएमएल के  शैलेंद्र और सैफई के  निर्मल मिड्डे ने परफ्यूशनिस्ट की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह विशेषज्ञ फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, होमोडायने मिक्स और बायोइंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में दक्ष होता है। सकते हैं:

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