हाथों की स्वच्छता : संक्रमण से बचाव की पहली और अंतिम रक्षा पंक्ति
पीजीआई में विश्व हैंड हाइजीन दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष 5 मई को मनाए जाने वाले ‘विश्व हाथ स्वच्छता दिवस’ के उपलक्ष्य में संजय गांधी पीजीआई में इस वर्ष की थीम “चाहे दस्ताने हों, स्वच्छता फिर भी ज़रूरी है!” पर आधारित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का आयोजन अस्पताल संक्रमण नियंत्रण समित एवं अस्पताल संक्रमण नियंत्रण प्रकोष्ठ, अस्पताल संक्रमण सोसायटी ऑफ इंडिया – लखनऊ शाखा एवं अकादमी ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन – उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय शाखा के सहयोग से किया गया।
अस्पताल प्रशासन विभाग के प्रमुख एवं ट्रामा सेंटर चिकित्सा अधीक्षक प्रो, राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि
हाथों की स्वच्छता न केवल सबसे कम खर्चीला उपाय है, बल्कि यह हमारे पास सबसे प्रभावशाली साधन भी है जिससे हम रोगियों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।
ट्रामा सेंटर के प्रभारी
एवं न्यूरो सर्जरी के प्रोफेसर प्रोफेसर अरुण कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि ऑपरेशन की शुरुआत यानी स्क्रबिंग से लेकर टांका लगाने और देखभाल तक हाथों की सफाई अत्यंत आवश्यक है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो. देवेंद्र गुप्ता ने बताया
कि हर 10 में से 7 अस्पताल संक्रमण केवल हाथ धोने से रोके जा सकते हैं। उन्होंने कहा
हाथों की स्वच्छता केवल प्रतीक नहीं है यह चिकित्सकीय आवश्यकता है।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रोफेसर रिचा मिश्रा ने बताया कि अस्पतालों में ऑपरेशन के दौरान होने वाले संक्रमण अब भी बड़ी चुनौती हैं।
न्यूरो सर्जरी के डॉक्टर
डॉ. श्रेयश राय ने बताया कि “दस्ताना काफी नहीं दस्ताने पहन लेने से संक्रमण से पूरी तरह सुरक्षा नहीं होती, हाथों की सफाई भी उतनी ही जरूरी है।
ज्ञान सहयोगी – 3एम कंपनी के तनवीर सिंह ने “सर्जिकल संक्रमण की रोकथाम के लिए डब्ल्यूएचओ प्रोटोकॉल, सर्जरी से पहले की चेकलिस्ट और संक्रमण नियंत्रण के उपाय बताए।
स्टेरिलाइज़ेशन तकनीक, उपकरणों की जांच और सीएसएसडी (केंद्रीय स्टेरिलाइज़ेशन सेवा विभाग) की प्रक्रियाओं की जानकारी दी।
माइक्रोबायोलॉजी विभाग
डॉ. संग्राम सिंह पटेल स्वच्छ हाथ, सुरक्षित मरीज” विषय पर बताया कि जहां अस्पतालों में हाथ धोने की आदत को संस्थागत संस्कृति बनाया गया है, वहां संक्रमण की घटनाएं कम हुई हैं।
संक्रमण नियंत्रण सेल के नर्सिंग ऑफिसर
धिखिल सी.डी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की 7-चरणीय पद्धति के अनुसार हाथ धोने की जीवंत प्रदर्शनी दी। यह सत्र विशेष रूप से नर्सिंग स्टाफ के लिए उपयोगी रहा।
इस आयोजन में 100 से अधिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही, जिनमें नव-नियुक्त नर्सिंग अधिकारी, वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ और नर्सिंग अधीक्षक भी शामिल थीं।
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