10 प्रतिशत आबादी में किडनी की बीमारी का खतरा, बचाव जरूरी – मुख्यमंत्री
मिलावट, खाद और कीटनाशक मुख्य कारण, सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है
34 जिलों में शुरू हुई प्राकृतिक खेती
पीजीआई में इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी का वार्षिक अधिवेशन
संजय गांधी पीजीआई में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ नेफ्रोलॉजी के 54वें वार्षिक अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किडनी की बीमारियां लगातार बढ़ रही हैं, और लगभग 10 प्रतिशत आबादी को इसका खतरा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बच्चों में भी किडनी संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं। इसे महामारी बनने से रोकने के लिए गंभीर प्रयासों की आवश्यकता है और यह शोध का विषय होना चाहिए। उन्होंने लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की आवश्यकता जताई और कहा कि किडनी की बीमारी पर लोगों को सचेत करने के लिए बोर्ड लगाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने मिलावट को एक बड़ी समस्या बताया और कहा कि दीपावली से पहले पनीर और खोया का परीक्षण कराया गया, जिससे रोजाना 500 क्विंटल तक मिलावटी पदार्थों को नष्ट किया गया। खाद और कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने के लिए गंगा के किनारे स्थित 34 जिलों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में सरकार ने कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किडनी मरीजों के डायलिसिस के लिए हर जिले में डायलिसिस सेंटर स्थापित किए गए हैं। इलाज के लिए धन की कोई कमी नहीं है, क्योंकि सरकार ने 1300 करोड़ रुपये स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटित किए हैं।
उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य नहीं
मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की जानकारी दी, और कहा कि अब उत्तर प्रदेश एक रेवेन्यू सरप्लस राज्य बन चुका है, जबकि पहले यह बीमारू राज्य था। 2017 से पहले राज्य में केवल 17 मेडिकल कॉलेज थे, लेकिन अब 80 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं और जिला अस्पतालों में संसाधनों की स्थिति में भी सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्तर प्रदेश को भारत की आत्मा बताते हुए कहा कि यह भूमि राम, कृष्ण, महात्मा बुद्ध, जैन और सिख धर्मों का केन्द्रीय स्थल है। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत भी इसी भूमि से होने का उल्लेख किया, विशेष रूप से बलिया से मंगल पांडेय द्वारा।
उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने अपनी बात रखते हुए कहा: "दिनचर्या को नियमित रखना और शारीरिक गतिविधि से हम बीमारियों से बच सकते हैं। जैसे गाड़ी को चालू किए बिना वह खराब हो जाती है, वैसे ही शरीर को भी चलाने की जरूरत है। रोजाना 45 मिनट चलने से स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि लखनऊ के जायके का स्वाद लेने के लिए अधिवेशन में आए अतिथियों को आमंत्रित किया।
निदेशक प्रो. आर. के. धीमान ने कहा: "हमने देश में पहले इंटरवेंशनल नेफ्रोलॉजी की शुरुआत की है और अब रोबोटिक किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू की है, जिससे ट्रांसप्लांट की सफलता दर बढ़ी है।" कार्यक्रम में सोसाइटी के अध्यक्ष प्रो. हरवीर सिंह कोहली, सचिव डॉ. श्याम बिहारी बंसल, यूपी चैप्टर के अध्यक्ष प्रो. अमित गुप्ता, सहायक अध्यक्ष प्रो. अनुपमा कौल और नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. नारायण प्रसाद ने भी अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. मोहन राजा पुरकर को "लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड" से सम्मानित किया और 19 डॉक्टरों को सोसायटी की फैलोशिप से नवाजा।
6 वर्कशॉप का आयोजन
प्रो. नारायण प्रसाद ने बताया कि पहले दिन 6 वर्कशॉप का आयोजन किया गया, जिनमें इंटरवेंशनल नेफ्रोलॉजी, ट्रांसप्लांट इम्यूनोलॉजी, क्रिटिकल केयर नेफ्रोलॉजी, ऑन्को-नेफ्रोलॉजी, पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी सहित अन्य विषयों पर चर्चा की गई। सभी वर्कशॉप का लाइव प्रसारण किया गया।


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