शनिवार, 13 दिसंबर 2025

एक ही सर्जरी में एंटीरियर व पोस्टीरियर सर्कुलेशन के दो एन्यूरिज्म क्लिप

 



एसजीपीजीआई में न्यूरो सर्जरी का विश्वस्तरीय कीर्तिमान: एक ही सर्जरी में एंटीरियर व पोस्टीरियर सर्कुलेशन के दो एन्यूरिज्म क्लिप


लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के न्यूरो सर्जरी विभाग ने दिमाग की जटिल सर्जरी के क्षेत्र में एक वैश्विक स्तर की वैज्ञानिक उपलब्धि दर्ज की है। विभाग के प्रो. अरुण कुमार श्रीवास्तव एवं प्रो. कुतंल कांति दास ने पहली बार एक ही मरीज में एंटीरियर और पोस्टीरियर सर्कुलेशन में स्थित दो ब्रेन एन्यूरिज्म को एक ही सर्जरी में सफलतापूर्वक क्लिप किया। चिकित्सा साहित्य के अनुसार यह विश्व का पहला प्रलेखित मामला माना जा रहा है।


यह सर्जरी प्री-टेम्पोरल ट्रांस-कैवर्नस अप्रोच (पी-टी-टी-सी-ए)

  के माध्यम से की गई, जिसे खोपड़ी के आधार (स्कल बेस) से जुड़े अत्यंत जटिल एन्यूरिज्म के लिए उन्नत तकनीक माना जाता है। यह तकनीक हाइपोथैलेमस से लेकर मिड-पॉन्स तक वर्टिकल एक्सपोजर प्रदान करती है, जिससे दिमाग के उस हिस्से तक पहुंच संभव होती है जिसे न्यूरो सर्जरी में “नो मैन्स लैंड” कहा जाता है।


इलस्ट्रेटिव केस के अनुसार, 56 वर्षीय महिला मरीज को एक्यूट सब-अरैक्नॉइड हेमरेज हुआ था। जांच में न्यूकल रेजिडिटी और लेफ्ट थर्ड नर्व पाल्सी पाई गई। विस्तृत प्री-ऑपरेटिव इमेजिंग के बाद माइक्रो-न्यूरो सर्जिकल तकनीक अपनाते हुए दोनों एन्यूरिज्म को क्लिप किया गया, जिससे असामान्य रक्त प्रवाह पूरी तरह बंद हो गया।


सर्जरी के दौरान ऑप्टिक नर्व, इंटरनल कैरोटिड आर्टरी, एसीए (ए1 -ए2 सेगमेंट), ड्यूरल रिंग और ऑकुलोमोटर नर्व जैसी महत्वपूर्ण संरचनाओं की सुरक्षा की गई। यह प्रक्रिया उच्च स्तर की तकनीकी दक्षता और लंबी लर्निंग कर्व की मांग करती है।

पोस्टऑपरेटिव स्थिति में मरीज की तीसरी नस की कमजोरी पूरी तरह ठीक हो गई, मरीज को ग्लासगो कोमा स्केल

  15/15 के साथ डिस्चार्ज किया गया और 8 माह बाद वह पूरी तरह लक्षणमुक्त पाई गई।

विशेषज्ञों के अनुसार यह उपलब्धि न केवल भारतीय न्यूरो सर्जरी बल्कि वैश्विक चिकित्सा विज्ञान में एक नया बेंचमार्क स्थापित करती है और भविष्य में जटिल ब्रेन एन्यूरिज्म के इलाज की दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।


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