शनिवार, 20 दिसंबर 2025

एप्सटीन फ़ाइल यह होती है पत्रकारिता

 




एप्सटीन फ़ाइल का इंतेज़ार सबको है । लाख के करीब तस्वीरों में से अभी सौ भी बाहर नही आई हैं कि दुनिया में हलचल मच गई है । जेफ़री एप्सटीनएक ऐसा अपराधी जिसका होना कथित सभ्य,अमीर,अरबपति,नेता,लेखक,विचारकों के बुरे कामों पर पर्दा था । मगर यह पर्दा उतरा कैसेअगर यह जानिएगा,तो समझियेगा की पत्रकारिता क्या चीज़ होती है ।


 आज दुनिया को पत्रकार जूली के ब्राउन का शुक्रिया कहना चाहिए,जिन्होंने मियामी हेराल्ड में एप्सटीन के अपराध को खोजी पत्रकारिता की सिलसिलेवार सीरीज़ में प्रकाशित किया । जिसके सामने व्हाइट हाउस को झुकना पड़ा और दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रपति को हस्ताक्षर करने पड़े, जो एप्सटीन फाइल को दबाए बैठे थे ।


जूली के ब्राउन ने अपने सिलसिलेवार कॉलम को किताब की शक्ल में भी सामने रखा । उनकी रिपोर्ट पर बातें हुईं,कोर्ट ने  वह दरवाज़ा खोलने का आदेश दिया, जिसके पीछे अथाह स्याही पड़ी है ।


जेफ़री एप्सटीन वह हैवान था,जो नाबालिग उम्र की लड़कियों को फंसाकर यौन अपराध में उन्हें ढकेलता था । उसके कस्टमर थे दुनिया के रईस व्यापारी,उद्योगपति, नेता,अभिनेता वगैरह । यह बच्चियों को नोचते थे । यह इतने घिनौने हैं कि इन्हें कोई नज़दीक न बैठाए मगर इनके पैसों की ताक़त के सामने सब चुप रहेंगे ।


एप्सटीन फाइल में नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण करने वालों की तस्वीरें हैं । एक पत्रकार ने किस मुश्किल से यह काम अंजाम दिया होगा । जबकि ख़ुद जेफ़री एप्सटीन जेल में ही सन 2019 में सन्दिग्ध अवस्था में मरा हुआ मिला । मगर जुली के ब्राउन ने हिम्मत नही हारी और न ही मियामी हेराल्ड ने,दोनों ने उनको भी बेनकाब करने की कोशिश करी,जो बच्चियों को अपने पैसे या किसी डील की एवज में मांगते थे ।


एप्सटीन फ़ाइल उन अदालतों में दर्ज दस्तावेज़ों, गवाहियों, ई-मेल, फ्लाइट लॉग्स और बयानों का सामूहिक नाम है, जो अमेरिकी अरबपति जेफ़्री एप्सटीन के यौन शोषण और से क्स ट्रैफिकिंग नेटवर्क से जुड़े हैं। इस पूरे मामले को दुनिया के सामने लाने में सबसे अहम भूमिका निभाई मियामी हेराल्ड और उसकी खोजी पत्रकार जूली के. ब्राउन ने


2018 में जूली के. ब्राउन की जाँच रिपोर्ट “Perversion of Justice” ने यह उजागर किया कि कैसे एप्सटीन को 2008 में बेहद हल्की सज़ा दी गई थी और कैसे अभियोजन एजेंसियों ने पीड़ित लड़कियों को अनदेखा किया। इसी रिपोर्ट के बाद अमेरिकी न्याय व्यवस्था पर दबाव बढ़ा और मामला दोबारा खुला। यही वह मोड़ था, जहाँ से एप्सटीन फ़ाइलें सार्वजनिक बहस का हिस्सा बनीं।


दरअसल, सालों तक एप्सटीन से जुड़े कई दस्तावेज़ अदालतों में सीलबंद रखे गए थे। मियामी हेराल्ड और पीड़ितों के वकीलों ने अदालत में याचिकाएँ दायर कर यह सवाल उठाया कि न्याय के नाम पर सच्चाई को क्यों छिपाया जा रहा है। इसी दबाव के चलते 2023–24 में अमेरिकी अदालतों ने कई दस्तावेज़ सार्वजनिक करने का आदेश दिया। इन्हीं को आज “एप्सटीन फ़ाइल” कहा जाता है।


इन फ़ाइलों में राजनेताओं, उद्योगपतियों, शिक्षाविदों और प्रभावशाली हस्तियों के नाम सामने आए। हालांकि, जैसा कि मियामी हेराल्ड ने बार-बार ज़ोर देकर लिखा किसी फ़ाइल में नाम आना, अपराध साबित होना नहीं है। लेकिन यह ज़रूर दिखाता है कि सत्ता और पैसे के गलियारों में एप्सटीन की पहुँच कितनी गहरी थी।


एप्सटीन फ़ाइल, जैसा कि जूली के. ब्राउन लिखती हैं, सिर्फ़ एक अपराधी की कहानी नहीं है यह उस व्यवस्था का आईना है, जहाँ ताक़तवर लोग अक्सर जवाबदेही से बच निकलते हैं।


जो पत्रकारिता इन्होंने करी और जिस तरह व्हाइट हाउस की कॉंग्रेस में इस फाइल को जनता के सामने खोलने की मंजूरी दी । वह क़ाबिल ए तारीफ़ है । केवल एक वोट विपक्ष में पड़ा वरना दोनों ही दलों,डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन ने मिलकर इसे सार्वजनिक करने के लिए वोट किया ।।तभी यह फ़ाइल पब्लिक में है ।


अभी बहुत तस्वीरें बाकी हैं, बहुत से नकाब उतरने हैं । पैसे पॉवर की डील में लड़कियों के इस्तेमाल की दास्ताने खुलनी हैं । बेचारी बच्चियों को इस घिनौने खेल में घुसेड़ने के लिए जितना जेफ़री दोषी था,उतने ही यह लोग भी,इसलिए इन सबकी जगह आजीवन क़ैद ही है ।


फिलहाल मियामी हेराल्ड और जूली के ब्राउन जैसी पत्रकार और पत्रकारिता की तारीफ करने का वक़्त है । यह समझने का भी दुनिया की बड़ी बड़ी डील किन घिनौने रास्ते से होकर गुज़रती हैं । यह भी जानने का है कि जेफ़री  एप्सटीन जैसे लोगों को सिस्टम कैसे पैदा करता है और कैसे मार देता है । यहाँ मौजूद हर व्यक्ति किसी न किसी मकसद से एप्सटीन से जुड़ा था और चारा थी कमउम्र बच्चियां ।


तस्वीरों में शामिल होने से यौन अपराध भले न साबित हो मगर यह तो साबित ही होता है कि कोई डील तो चल रही थी ।।वह डील किसी देश का खनिज हो सकता है,ठेका हो सकता है, प्रोजेक्ट हो सकता है मगर जो भी हो,एक पक्ष बड़ा घिनौना है, इसलिए एप्सटीन फाइल पर नज़र रखिये और देखिए कि इसमे शामिल लोगों ने मुँह पर डॉलर चिपका कर कितने घिनौने काम अंजाम दिए

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