किडनी मरीजों के लिए सहारा बना आयुष्मान
पीजीआई हृदय और इमरजेंसी मेडिसिन के मरीज को आयुष्मान से मिली रहत
संजय गांधी पीजीआई में आयुष्मान भारत मरीजों के लिए जीवन का नया सहारा बनकर उभरा है। खासकर गरीब और बुजुर्ग मरीजों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं। वर्ष 2022–23 से 2024–25 (31 जुलाई तक) के बीच संस्थान में 31,000 से अधिक मरीजों ने इसका लाभ उठाया। संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि नेफ्रोलॉजी विभाग सबसे आगे रहा, जहाँ किडनी रोग से जूझ रहे 4,287 गंभीर बीमारी में यह आर्थिक राहत मरीजों और उनके परिवारों के लिए उम्मीद की किरण बन गई।
न्यूरो और इमरजेंसी विभाग में भी बढ़ा
न्यूरोसर्जरी विभाग में तीन वर्षों में 2,763 मरीज और इमरजेंसी मेडिसिन विभाग में 2,129 मरीजों ने आयुष्मान भारत की मदद पाई।
कैंसर और हार्मोनल बीमारियों में भी मदद
कैंसर रोगियों के लिए रेडियोथेरेपी विभाग में 2,604 मरीजों ने और एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में 2,912 मरीजों ने योजना के तहत महंगे इलाज का लाभ लिया। इन विभागों में इलाज की उच्च लागत को देखते हुए आयुष्मान भारत गरीब मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई।
दिल, दिमाग और हड्डियों का इलाज भी आसान
कार्डियोलॉजी विभाग: 1,254 मरीज
न्यूरोलॉजी विभाग: 1,757 मरीज
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग: 1,209 मरीज
ऑर्थोपेडिक्स विभाग: 906 मरीज
यूरोलॉजी: 972
एन्डोक्रिनोलॉजी: 203
नवजात विज्ञान: 342
पल्मोनरी मेडिसिन: 345
रेडियो डायग्नोसिस: 240
नेत्र विज्ञान: 241
मेडिकल जेनेटिक्स: 95
मातृ एवं प्रजनन स्वास्थ्य: 215
वर्ष-दर-वर्ष बढ़ते आंकड़े
संस्थान में आयुष्मान भारत योजना से लाभ पाने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 2022–23 में 5,526 मरीज, 2023–24 में 9,706 और 2024–25 (31 जुलाई तक) में 16,179 मरीजों ने योजना का लाभ उठाया।
आयुष्मान भारत में सहयोग के लिए प्रोफेसर हर्षवर्धन को उत्कृष्ट सम्मान
संजय गांधी पीजीआई के प्रो. (डॉ.) आर. हर्षवर्धन, नोडल अधिकारी एबी-पीएमजेएवाई एवं प्रमुख, अस्पताल प्रशासन विभाग को आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सराहनीय योगदान के लिए उत्कृष्टता सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान अटल बिहारी वाजपेयी वैज्ञानिक सम्मेलन केंद्र, में आयोजित आयुष्मान संवाद कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने प्रदान किया। कार्यक्रम का आयोजन साचीस (समग्र स्वास्थ्य एवं एकीकृत सेवा एजेंसी) द्वारा योजना के सात वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में किया गया।
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