“स्किनी ओबेसिटी का खतरा: सामान्य वजन में भी छिपा हो सकता है ज्यादा फैट”
संजय गांधी पीजीआई में शुक्रवार को न्यूट्रिशन मंथ (पोषण माह) के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। विशेषज्ञों ने चेताया कि केवल वजन सामान्य होना ही स्वस्थ होने का संकेत नहीं है। कई बार सामान्य वजन वाले लोगों में भी शरीर का फैट प्रतिशत ज़्यादा होता है, जिसे “स्किनी ओबेसिटी” कहा जाता है। यह स्थिति मधुमेह, उच्च रक्तचाप और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
कार्यक्रम की शुरुआत ज़ुम्बा और वार्म-अप सेशन से हुई। स्वागत भाषण डॉ. निरुपमा सिंह ने दिया और थीम का विमोचन डॉ. अर्चना सिन्हा ने किया। निदेशक प्रो. आर.के. धीमान , डॉ शिल्पी पांडे , डॉ रीता आनन्द , डॉ मोनिका दीक्षित समेत वरिष्ठ चिकित्सकों ने “आहार पर ध्यान” विषय पर विचार रखे।
पैनल चर्चा में बताया गया कि पुरुषों के लिए बॉडी फैट 10–20% और महिलाओं के लिए 18–28% होना चाहिए। यदि बॉडी फैट इनसे ज़्यादा हो, तो शरीर सामान्य वजन के बावजूद अस्वस्थ माना जाता है। विशेषज्ञों ने कहा कि इसे समझने के लिए बॉडी कंपोज़िशन एनालिसिस करवाना बेहद ज़रूरी है, क्योंकि यही जांच शरीर में फैट, मसल्स, पानी और हड्डियों का संतुलन सही-सही बताती है।
उन्होंने आहार में मौसमी फल-सब्ज़ियां, साबुत अनाज, दालें, दूध-दही और सूखे मेवे शामिल करने तथा प्रोसेस्ड और तैलीय भोजन से बचने की सलाह दी।
क्या है स्किनी ओबेसिटी
सामान्य वजन लेकिन शरीर में फैट प्रतिशत ज़्यादा होना।
बाहरी तौर पर दुबले दिखने वाले लोग भी इसके शिकार हो सकते हैं।

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