रविवार, 16 मई 2021

कोरोने से निपटने के बाद हो सकती है परेशानी लेकिन न हो परेशान सब हो जाएगा ठीक

 





कमजोरीसांस लेने में दिक्कत हो सकती है लेकिन सब हो जाएगा ठीक 

 

 पोस्ट कोविड परेशानी से 70 फीसदी पा जाते है निजात

 

वायरस से लड़ने के लिए शरीर में बने एंटीजन इम्यून सिस्टम में इस तरह के बदलाव कर देते हैंजिससे इम्यून सिस्टम अति प्रतिक्रिया करने लगता है।   इसी कारण बुखारबदन दर्द और अन्य समस्याएं होने लगती हैं।  शरीर में इंफ्लेमेटरी रिएक्शन होने लगता है जो पूरे शरीर पर प्रभाव डालता है।  ऐसे में वायरस खत्म होने के बाद भी इंफ्लेमेटरी सेल्स और केमिकल बने रहते हैं।  इम्यून सिस्टम की इस प्रतिक्रिया के कारण ही लक्षण बने रहते हैं। संजय गांधी पीजीआई के एनेस्थीसिया और आईसीयू एक्सपर्ट  विभाग के प्रो. संजय धीराज कहते है कि शरीर की प्रकृति होती है धीरे-धीरे मरम्मत करना।  इसलिए कुछ समस्याएं  चक्कर आना, काम करने या चलने फिरने में  थोडी सांस लेने में परेशानी 70 फीसदी लोगों में  धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाती। कुछ लोगों में  कमजोरीसांस लेने में दिक्कत  आदि की स्थिति में दवा की जरूरत हो सकती है। कोरोना वायरस ठीक होने के बाद के लक्षण ठीक होने में कई बार दो से चार सप्ताह तक लग सकता है। 


कोरोना से ठीक होने के बाद बरतें ये सावधानियाँ

कोरोना वायरस ठीक होने जाने के बाद किसी व्यक्ति में दो से महीने  तक एंटीबॉडी बनी रहती है।  ऐसे में उसके कोरोना से संक्रमित होने का खतरा बहुत कम हो जाता है, फिर भी डॉक्टर पूरी तरह सावधानियाँ बरतने की सलाह देते हैं। आपका शरीर एक वायरस से लड़कर जीता है।  आपके इम्यून सिस्टम पर पहले से ही दबाव था। 

- ऐसे में अपने खाने-पीने का ध्यान रखें। 

- मास्कहाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर सावधानियां बरतें। ऐसा न करने पर हो सकता है कि आपको कोई और इंफेक्शन हो जाए और पहले से कमजोर शरीर पर उसका गंभीर असर हो जाए। 



यह हो सकती है परेशानी

-इसमें साँस लेने में परेशानीचक्कर आनाथकानहल्का बुखारजोड़ों में दर्द और उदासी जैसे लक्षण सामने आ रहे हैं।  इसे पोस्ट कोविड सिम्पटम भी कहा जाता है। 

-कुछ अस्पतालों में पोस्ट-कोविड क्लीनिक भी बनाया गया हैजहाँ कोविड से ठीक होने के बाद भी परेशानी महसूस कर रहे मरीजों का इलाज होता है। 

-मरीज़ में कोविड का संक्रमण कितना अधिक होता हैउतने ज़्यादा लक्षण उसमें ठीक होने के बाद देखने को मिलते हैं. 

-कोविड के हल्के-फुल्के संक्रमण वाले लोगों को भी बाद में कमजोरी महसूस हो रही है.

 

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