शनिवार, 29 मई 2021

सीआरपी बताएगा कितना उठा साइटोकाइन का तूफान

 

सीआरपी बताएगा कितना उठा साइटोकाइन का तूफान


 

संक्रमण होने पर लिवर से स्रावित होता है यह ब्लड मार्कर

 

कोरोना संक्रमित होने सीआरपी( सी रिएक्टिव प्रोटीन) की जांच करायी जाती है। इस जांच से किस तरह की जानकारी मिलती है यह सवाल तमाम लोगों के मन में आता है। संजय गांधी पीजीआइ के क्लीनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट प्रो. विकास अग्रवाल यह एक रूटीन जांच है जिससे हम लोग आटो इम्यून डिजीज के मरीजों में इंफेक्शन की गंभीरता का पता लगाने के लिए करते है। यह जांच कोरोना संक्रमित मरीजों में कोरोना का संक्रमण होने पर साइटोकाइन( आईएल6 सहित अन्य) का स्टार्म ( तूफान) उठता है जिससे इंफ्लामेंशन होता है। इस तूफान की गति नापने के लिए यह मार्कर है। इसके स्चर के आधार पर हम कोरोना संक्रमण की गंभीरता जानने के साथ ही इलाज की दिशा भी तय करने में मदद मिलती है।   हमारा शरीर एक केमिकल फैक्ट्री की तरह काम करता है। जब भी कोई बाहरी वायरस या इन्फेक्शन हमला करता है तो शरीर में कई रासायनिक प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं। इनमें से एक है इन्फ्लेमेशन या सूजन। इस दौरान लिवर में सी-रिएक्टिव प्रोटीन बनता है। यह एक ब्लड मार्कर है जो शरीर में इन्फेक्शन का लेवल बताता है।खून का सैंपल लेकर सीआरपी लेवल मापा जाता है। इसका  लेवल जितना बढ़ा हुआ होगाउतना ही इन्फेक्शन भी बढ़ा हुआ होगा।

कब कराते है सीआरपी की जांच

माइल्ड से मॉडरेट  लक्षणों वाले मरीजों को इस टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है। पर अगर इंफेक्शन होने के 5 दिन बाद भी मरीज में कोई गंभीर लक्षण दिखता है तो यह टेस्ट कराना जरूरी हो जाता है। अगर लक्षण बढ़ रहे हैं या नए लक्षण सामने आ रहे हैं तो यह ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। समय पर यह टेस्ट कराने से इन्फेक्शन को माइल्ड और मॉडरेट से गंभीर होने से रोकने में मदद मिलती है। आम तौर पर यह टेस्ट उन लोगों में कराया जाता हैजिनके शरीर में गंभीर बैक्टीरियल या फंगल इन्फेक्शन होता दिखाई देता है। इससे उस इन्फेक्शन के स्तर को समझने में मदद मिलती है।

खुद न कराएं सीआरपी की जांच

यह जांच खुद कराना  नहीं चाहिए। डॉक्टर भी मरीज के लक्षणों की गंभीरता को देखकर ही यह टेस्ट करवाते हैं। आम तौर पर यह टेस्ट 500 रुपए में हो जाता है। अलग-अलग लैबोरेटरी इसके लिए कम या ज्यादा फीस ले सकती है।

                कितना होना चाहिए स्तर

                       आम तौर पर सीआरपी  का सामान्य 30-50 मिग्रा/ डेसीलीटर है। पर जब यह स्तर बढ़ जाता है तो खतरा बढ़ने लगता है। किसी व्यक्ति का ऑक्सीजन सैचुरेशन नॉर्मल है और सीआरपी लेवल 70 यूनिट से अधिक है तो यह ऐसी स्थिति में ले जा सकता हैजहां शरीर के डिफेंस सिस्टम के प्रोटीन ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगते हैं।

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