रविवार, 2 मई 2021

एआरबी और मेटफार्मिन कर सकता है कोरोना संक्रमित को कम गंभीर - कोरोना के कहर से बचना है ब्लड प्रेशर और डायबिटीज पर नजर रखें

 

एआरबी और मेटफार्मिन कर सकता है कोरोना संक्रमित को  कम गंभीर

 

कोरोना के कहर से बचना है ब्लड प्रेशर और डायबिटीज पर नजर रखें

 

कोरोना हो गया तो भी ऑक्सीजन के साथ बीपी का रखें ध्यान

 

कोरोना का संक्रमण किसे होगा यह तो नहीं कहा जा सकता लेकिन कोरोना से कहर से बचना है तो आज से ही डायबिटीज और बीपी पर नजर रखें। डायबिटीज के लिए ग्लूकोज फास्टिंग और पीपी के अलावा एचबीएवन सी जांच कराएं। यदि एचबी वन सी बढा है तो  डायबिटीज के नियंत्रण के लिए तुरंत डॉक्टर से कहें कि इसमें खास दवा  मेटफार्मिन शुरू करें।  बीपी है तो  खास दवा एआरबी( एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स  ) को शामिल करें । संजय गांधी पीजीआइ के क्लीनिकल इम्यूनोलॉजिस्ट प्रो. एबल लारेंस जो कई बार कोरोना अस्पताल में सेवा दे चुके है कहते है कि डायबिटीज के जिन कोरोना संक्रमित मरीजों की मेटफार्मिन दवा चली उनमें बीमारी की गंभीरता कम हो सकती है। बीपी के लिए जिनमें एआरबी( एंजियोटेंसिन रिसेप्टर ब्लॉकर्स) दवाएं चली उनमें भी बीमारी की गंभीरता कम हो सकता है।  प्रो. लारेंस कहते है कि कोरोना  आईसीयू में मैंने देखा कि कई मरीज ऐसे थे कि जो कहते रहे कि मुझे डायबिटीज कभी नहीं रहा लेकिन जब उनका एचबीएवनसी जांच कराया तो उनमें इसका स्तर 7 से अधिक मिला। इसका मतलब है कि उनमें पिछले तीन महीने में डायबिटीज अनियंत्रित रहा। देखा गया कि जिनमें इसका स्तर 10 से अधिक रहा उनमें संक्रमण के गंभीरता अधिक हो सकती है।  

 

कोरोना संक्रमित ऑक्सीजन के साथ बीपी और शुगर पर रखें नजर

प्रो. एबेल लारेंस कहते है कि कोरोना संक्रमित होने के बाद होम आइसोलेशन में है कि ऑक्सीजन स्तर के आलावा रक्त दाब पर भी नजर रखने की जरूरत है। देखा गया है कि जिनको कभी बीपी की परेशानी नहीं रही है उनमें भी संक्रमण के दौरान बीपी बढ़ जाता है। इसके नियंत्रित करने के लिए एआरबी का दवाओं का सेवन करना चाहिए । यह दवाएं टेल्मीसार्टन सहित कई नाम से आती है। इससे संक्रमण की गंभीरता कम होती है। शुगर को नियंत्रित रखें।  

 

           

            कब और कैसे लें एआरबी

           

            - खून में पोटैशियम का लेवल बढ़ सकता है। इसलिए पोटैशियम सप्लीमेंट और पोटैशियम से भरपूर चीजें जैसे कि केले के अधिक  सेवन से परहेज करें।

            - अगर आपके होंठोंजीभ और गर्दन में तेजी से सूजन होने लगे जिससे सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

            -अगर आपको पहले से  किडनी से जुड़ी कोई बीमारी है तो दवा के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

            -अगर आप गर्भवती है या गर्भधारण के बारे में सोच रही है या स्तनपान करा रही हैं तो दवा के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

 

क्या करता है मेटफार्मिन

मेटफोर्मिन  लिवर द्वारा उत्पादित ग्लूकोज की मात्रा को कम करके काम करता है।   इंसुलिन के प्रति आपकी संवेदनशीलता को भी बढ़ाता हैजिससे शरीर को बड़ी मात्रा में ग्लूकोज को अब्सॉर्ब करने में मदद मिलती है।  डायबिटीज की स्थिति का प्रबंधन नहीं करते हैंतो इसका परिणाम किडनी फेलियरमोटापा और हार्ट डिसऑर्डर हो सकता है। इसलिएमेटफोर्मिन  आपके ब्लड शुगर के स्तर को कम रखने में मदद करता है और आपके डायबिटीज की जांच करता है।

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