सोमवार, 17 मई 2021

कोरोना के दोनों ही टीके अपनी जगह शानदार हैं और पूरे असरदार-दूसरा टीका भी उसी कंपनी का लेना है जिसका पहला लिया था.








 कोरोना वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के प्रश्न मन में उठते है इसके लिए तमाम लोग जवाब के लिए फोन करते है। कई लोगों के पास कहां से पता करें सही जवाब । तमाम सवालों का जवाब संजय गांधी पीजीआइ के इमरजेंसी मेडिसिन की असिस्टेंट प्रो. अल्का वर्मा ने देते हुए बताया कि वैक्सीन ही कोरोना से बचने का एक उपाय है।

 

 

सवाल : अभी देश मे दो टीके उपलब्ध हैंकौन सा टीका बेहतर है
जवाब : दोनों ही टीके अपनी जगह शानदार हैं और पूरे असरदार हैं. जो उपलब्ध हो वो ही लेना चाहिए

 

 सवाल -  हाल में ही कोरोना पॉजिटिव हुआ थामुझे कब टीका लेना चाहिए

जवाब : कोरोना निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद आप टीका ले सकते हैं।

 सवाल : एक खुराक लेने के बाद यदि कोरोना हो जाये तो दूसरी खुराक कब लेनी चाहिए?
जवाब : निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद आप टीका ले सकते हैं

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सवाल – यदि पहले कोविशिल्ड का टीका है तो दूसरा कोवैक्सीन ले सकते है

उत्तर – नहीं  यह जरूर ध्यान रखें कि दूसरा खुराक भी उसी कंपनी का लेना है जिसका पहला लिया था.

सवाल - कोवैक्सिन और कोविशिल्ड के दो खुराकों के बीच क्या अंतर होने चाहिए?
जवाब : कोवैक्सिन की दो खुराकों में से हफ्ते और कोविशिल्ड कि दो खुराकों के बीच 12 से 16 हफ्तों का अंतर प्रस्तावित किया गया है

सवाल : क्या कोई गर्भवती महिला ये टीके ले सकती है?
जवाब :   गर्भवती महिलाओं में वैक्सीन लगवाने के लिए गाइड लाइन जारी नहीं हुआ है। इस पर शोध जारी है। 
 खास तौर पर भारतीय वैक्सीन के लिए। उम्मीद है कि जल्दी ही टीका उपलब्ध होगा।

 

सवाल : क्या बच्चों के लिए भी कोरोना का कोई टीका उपलब्ध है?
जवाब : अभी वर्तमान में बच्चों के लिए कोई भी टीका उपलब्ध नही है. परन्तु से 18 साल के बच्चों के लिए रिसर्च जारी है और उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही ये इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा.

 सवाल : वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को कोरोना हो रहा हैतो कैसे भरोसा किया जाए?
जवाब : वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना का संक्रमण हो सकता है। 
कोई भी टीका सौ फीसदी सुरक्षित नही हो सकता । वैक्सीन  कोरोना से होने वाले परेशानी को गंभीरता को कम करता है। इस लिए वैक्सीन लगने के बाद  भी एहतियात बरतने की जरूरत है।

 सवाल : टीका लेने के बाद बुखार जैसी परेशानियां आम हैंकैसे लिया जाए?
जवाब : नवजात बच्चों को भी टीके दिलाये जाने के बाद बुखार आता हैपर हमें पता होता है कि ये बुखार उसके स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है. कोरोना के टीके के बाद यदि बुखार आता भी है तो ये से दिन में ठीक हो जाता है. सामान्यतः इस बुखार में सिर्फ पेरासिटामोल की गोली लेनी है.

 

 सवाल : बताया जा रहा है कि टीका लेने बाद भी मास्कसेनेटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. फिर इस टीके से फायदा?
जवाब : ये टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है और इसके तहत देश के हरेक नागरिक को लेना जरूरी है. ध्यान रहे की कोरोना एक वायरस है और दुनिया मे वायरस का कोई इलाज उपलब्ध नही है. इसका एकमात्र इलाज हर्ड इम्युनिटी का विकसित होना हैजो तभी विकसित होगा जब देश की 70 से 80 फीसदी  आबादी टीका ले लेगी.

 सवाल : टीकाकरण के कितने दिनों के बाद यह पूर्ण रूप से असर करता है?
जवाब : दूसरे टीके के 14 दिन बाद से यह पूर्ण प्रभावी हो जाता है.

 सवाल : यदि कोई गंभीर बीमारी जैसेडायबिटीजब्लड प्रेशरदमाकैंसर, हेपेटाइटिस या एचआईवी आदि से ग्रस्त है तो क्या उसे टीका लेना चाहिए?
जवाब : बिल्कुलये उनके लिए ज्यादा आवश्यक है, कुछ विशेष सावधानियां हैं जिनका पालन करके वो टीका ले सकते हैं।   अपने चिकित्सक से सलाह जरूर करें और इनके बारे में आप रजिस्ट्रेशन के वक्त जरूर बताएं.

सवाल : क्या कोरोना से ग्रसित माँ बच्चे को दूध पिला सकती है?
जवाब : जरूर! माँ के दूध के महत्व को ध्यान में रखते हुए ये किया जा सकता है. बस बच्चे को छूने से पहले हाथों को सेनेटाइज करें या साबुन से साफ करे और दूध पिलाते वक्त अच्छी तरीके से एन95 मास्क पहनें.

 

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कोरोना संक्रमण ठीक होने के दो से तीन महीने रहती है एंटीबाडी

संजय गांधी पीजीआइ के एनेस्थेसिया विभाग के प्रो. संजय धीराज ने कहा कि कोरोना वैक्सीन का दोनो टीका लेने के बाद कम से कम एक महीने बाद एंटीबाडी बन जाती है इसका मतलब यह नहीं है कि  सावधानी न बरते । इसी तरह कोरोना का संक्रमण खत्म होने दो से तीन महीने शरीर में कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबाडी रहती है फिर भी संक्रमण से बचने के लिए सावधानी जरूरी है 

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