गुरुवार, 20 मई 2021

सफल सर्जरी कर जान बचाई - आंत और पेट सड़ जाने के के कारण आंतों की टीबी तक हो गई थी

 

सफल सर्जरी कर जान बचाई

  आंत और पेट सड़ जाने के के कारण आंतों की टीबी तक हो गई थी

पहले हो चुकी थी चार सर्जरी


एक दस साल का बच्चा जिसकी पिछले एक साल में चार बार पेट की सर्जरी हो गई लेकिन हर बार नाकामयाब हो गई। खाने से लेकर मल त्याग तक के लिए बच्चे को मशक्कतों का सामन करना पड़ रहा था ऐसे मरीज का पीजीआई के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग की टीम ने गुरुवार को सफल सर्जरी कर जान बचाई। बच्चों की आंत और पेट सड़ जाने के के कारण आंतों की टीबी तक हो गई थी। 
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के डॉ. बसंत कुमार के निर्देशन में यह सर्जरी हुई। उन्होंने बताया कि पहले बच्चे की चार सर्जरी दूसरे अस्पताल में हो गई थी लेकिन असफल रही। उससे काफी आंत सड़ गई थी और पेट के ऊपर का मांस तक सड़ गया था। हमने पहले सड़ी आंतो को काटकर हटाया। उसके बाद मल त्याग वाली आंतों को जोड़ दिया जिससे मरीज आसानी से मल त्याग कर सके। इसके बाद पेट के ऊपर की आंत सड़ गई। इससे पेट जुड़ नहीं रहा था ऐसे में हमने प्रोस्थेटिक्स यानी आर्टीफीशियल मांस के टुकड़े को लगाकर उसे सिल दिया है। अब एक सर्जरी बाद में और की जाएगी प्रोस्थेटिक्स को हटाकर जांघ के मांस से पेट को भर दिया जाएगा। इससे बच्चा एकदम ठीक हो जाएगा। हालांकि सर्जरी पूरी तरह से सफल रही। 

खेल में मार दी थी हसिया तब से भुगत रहा बच्चा
बहराइच निवासी आजाद खान के आठ साल के छोटे भाई सुहेल खान की यह सर्जरी हुई है। आदाज ने बताया कि सवा साल पहले गांव में बच्चे खेल रहे थे उसी में लड़ाई में एक बच्चे ने पेट में हसिया मार दी थी। तब गांव के डॉक्टर को दिखाया तो इंजेक्शन लगाकर टांके लगा दियो। आधे घंटे बाद पेट दर्द पल्टी होने लगी। इसके बाद एक अस्पताल में दिखाया तो कहा फेफड़े में पानी भर गया और पाइप डाल पस निकाला। फिर सर्जरी की कहा आंत सड़ गई है। मल का रास्ता एक पाइप डाल बाहर कर दिया। 15 दिन बाद दूसरी सर्जरी की जिसमें पाइप हटाकर मल का रास्ता जोड़ा। पांचवे दिन ही फिर टांको से गंदा पानी आने लगाता तो दूसरे अस्पताल में तीसरी सर्जरी कराई। वहां भी तीसरे दिन ही टांके फट गए और आंत बाहर आ गई इसके बाद चौथी सर्जरी की गई। एक महिना ठीक रहा उसके बाद फिर दिक्कत शुरू हुई तो पीजीआई लेकर आए।

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