गुरुवार, 30 अप्रैल 2020

बायो मार्कर बताएगा कितनी होगी कोरोना संक्रमित में गंभीर परेशानी

बायो मार्कर बताएगा कितनी होगी कोरोना संक्रमित में गंभीर परेशानी



कोशिकाओं की संख्या बताएगी कितना गंभीर होगा कोरोना

एनएलआर के आधार पर काफी पहले लगता है आंदाजा

सामान्य पैथोलाजी में 40 रूपए में जांच है संभव

कुमार संजय़। लखनऊ  

कोरोना संक्रमित मरीज में गंभीरता कितनी अधिक होगी इसका अंदाजा काफी पहले लगाया जा सकता है। गंभीरता को खास कोशिकाओं की संख्या के आधार पर भांपा जा सकेगा। यह खास कोशिकाएं है न्यूट्रोफिल और लिम्फोसाइट । यह दोनों कोशिकाएं शरीर के इम्यून सिस्सटम में अहम भूमिका निभाती है। विशेषज्ञों ने साबित किया है कि इस बायो मार्कर को  एनएलआर( न्यूट्रोफिल लिम्फोसाइट रेसिओ) नाम दिया है। इस जांच के लिए खर्च 40 से 50 रूपया है । सामान्य पैथोलाजी में भी बल्ड पिक्चर जांच होती है वह भी यह जांच कर सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक  न्यूट्रोफिल और लिम्फोसाइट की संख्या के आधार पर अनुपात निकाला जाता है। देखा गया है कि एनएलआर बढा है तो मरीजों में बीमारी की गंभीरता बढ़ सकती है । गंभीरता को भांप कर पहले से एहितायत बरत कर  परेशानी को कम करने की योजना पर काम किया जा सकता है। इस जांच के लिए केवल दो मिली रक्त की जरूरत होती है। इंटरनेशनल इम्यूनो फार्माकोलाजी जर्नल के शोध रिपोर्ट के मूताबिक विशेषज्ञों ने द डायग्नोस्टिक एंड प्रिडेक्टिव रोल आफ एलएलआर( न्यूट्रोफिल लिम्फोसाइट रेसिओ, पीएलआर( प्लेटलेट्स लिफ्मोसाइट रेसिओ) , लिम्फोसाइट मोनासाइट रेसिओ विषय़ पर शोध 93 कोरोना संक्रमित मरीजों पर किया। इनमें 83.8 फीसदी में बुखार और 70.9 कफ सामान्य लक्षण पाया गया। देखा कि जिन मरीजों में एलएलआर बढा था उनमें बीमारी की गभीरता अधिक हुई। उनमें सांस लेने में परेशानी के आलावा दूसरी परेशानी दूसरे मरीजों के मुकाबले अधिक देखी गयी। विशेषज्ञों का कहना है कि इसका उम्र से भी संबंध देखा गया जिनकी उम्र अधिक थी उनमें यह बढा हुआ था। इस बायोमार्कर की दक्षता 88 फीसदी तक बतायी गयी है यानि यह बायो मार्कर 88 फीसदी मामले में सटीक जानकारी देता है।



छोटे अस्पताल में भी संभव होगा यह जांच

संजय गांधी पीजीआइ के क्लीनिकल इम्यूनोलाजिस्ट एंड रूमैटोलाजिस्ट प्रो. विकास अग्रवाल और एसोसिएशन आफ पैथोलाजिस्ट एंड माइक्रोबायलोजिस्ट के अध्यक्ष डा. पीके गुप्ता कहते है कि यह बायोमार्कर उन मरीजों के कारगर साबित होगा जो जिलों और सामान्य अस्पताल में भर्ती है उनमें स्थित की गंभीरता का अंदाजा लगा कर योजना बनाने में मदद मिलेगी।      





क्या एनएलआर

कुल न्यूट्रोफिल की कुल संख्या को लिम्फोसाइट की कुल संख्या से भाग दिया जाता है जो परिणाम आता है उसे एलएलआर कहते हैं।    

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