मंगलवार, 7 अप्रैल 2020

49 के लाक डाउन से बनेगी बात रूकेगा कोरोना का संचार






कुमार संजय ’ लखनऊ
लॉकडाउन 14 अप्रैल तक है, जिससे वायरस का प्रसार थमा है, लेकिन इसके बाद एहतियात नहीं बरता गया तो देश में 13 मई तक 6,000 केस सामने आ सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन एकदम से खत्म करने से संक्रमण की आशंका बढ़ जाएगी। एसोसिएशन आफ पैथोलाजिस्ट एंड माइक्रोबायलोजिस्ट के अध्यक्ष डॉ.पीके गुप्ता सेंटर फॉर मैथमेटिकल साइंसेज, यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के राजेश सिंह और आर. आदिकारी के शोध का हवाला देते हुए कहते हैं कि हॉट स्पाट एरिया को विशेष रूप से चिह्न्ति कर वहां पर लाकडाउन कब खत्म करना है, इस पर काम करना पड़ेगा। बीच में पांच-दिन के ब्रेक के साथ दो या तीन लॉकडाउन या एक साथ ही 49 दिवसीय लॉकडाउन किया जा सकता है, जिससे वायरस का संचार रुकेगा। यह आकलन इन लोगों ने देश की सामाजिक संपर्क संरचना के आधार पर किया है। यह भी कहा है कि अगर किसी एक एरिया में वायरस केंद्रित है तो वहां विशेष उपाय की जरूरत है। इस तरह के फैसलों के लिए हमें अच्छी मैपिंग की जरूरत है।
उठाया जा सकता है फायदा : लॉकडाउन के दौरान, स्वास्थ्य अधिकारी पर्याप्त अस्पतालों, हेल्थकेयर स्टाफ, महत्वपूर्ण देखभाल बेड और वेंटिलेटर के साथ खुद को तैयार कर सकते हैं ताकि आने वाली मांग को पूरा किया जा सके।

यह है आधार
लॉकडाउन खत्म होने के बाद घर परिवार में बाहर से आने वाले का संपर्क बढ़ेगा। कार्यस्थल पर 30 या 40 लोगों से बातचीत करेंगे, मुलाकात होगी। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिसीज डायनामिक्स इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी द्वारा एक स्वतंत्र विश्लेषण ने स्थानीय लॉकडाउन की आवश्यकता पर जोर दिया था। कहा था कि हल्के, मध्यम या गंभीर लक्षणों वाले को यह समझना होगा वायरस कितनी दूर फैल सकता है।

रखनी होगी नजर
शोधकर्ताओं का मानना है कि जब तक कोरोनोवायरस के खिलाफ टीके उपलब्ध नहीं होते हैं, तब तक संRमण की संख्या को बहुत तेजी से बढ़ने और स्वास्थ्य सेवा को रोकने के लिए देशों को समय-समय पर सामाजिक-दूरगामीउपायों को लागू करने की आवश्यकता होगी।

संभव है लॉक डाउन खत्म होने के बाद लोग हो जाएं लापरवाह
कैंब्रिज में गणित के शोधकर्ता ने कहा है कि हमारे मॉडल ने हर संभव परिणाम देखा और हमने हर बार दोबारा संक्रमण की आशंका को ध्यान में रख कर मॉडल तैयार किए है । डॉ. पीके गुप्ता कहते है लॉकडाउन के बाद की स्थिति देखने के बाद ही दो बारा स्थित का आकलन कर स्थानीयकृत लॉकडाउन पर सलाह दी जा सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि लॉकडाउन वायरस को दबाए रखता है। लॉकडाउन के बाद संभव है कि संक्रमण का फैलाव बढ़ जाए।

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