शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

भाप से उड़ जाएगा कोरोना का खौफ



हैंड हाइजन के साथ अब रिस्पेरटरी हाइजिन से कोरोना पर ब्रेक
फेफड़े के श्वास नलियों में बढ़ता है रक्त प्रवाह
कुमार संजय। लखनऊ
हैंड हाइजिन के साथ ही ऱिस्पेरटरी हाइजिन को भी रूटीन में शामिल करने की सलाह विशेषज्ञ दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले तीन सप्ताह हमारे लिए मह्तवपूर्ण है। आज के बाद 14 दिन में संक्रमित मामलों के सामनेआने की काफी आशंका है इस लिए सभी को दोनों हाइजन पर ध्यान देने की जरूरत है। इससे कोई नुकसान भी नहीं होगा। सुबह शाम गरम पानी के भाप से बफारा फेफड़े के संक्रमण से बचने का कारगार उपाय है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ के वरिष्ठ सदस्य डा.पीके गुप्ता कहा कि विशेष रूप से हमें व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान देने की जरूरत है। हाथों की साबुन से सफाई 20 सेकंड तक करनी चाहिएसाथ ही श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाले वायरस जिसमें कोरोना संक्रमण भी आता हैंसे बचाव के लिए अपने ऊपरी श्वास की नलियों तथा नाक के रास्ते को गरम पानी की भाप से सफाई करते रहना चाहिए। खाँसीबंद नाक और बलगम जमा होने पर यह उसे खोलता है।  स्वस्थ व्यक्ति को भी इस मौसम में 2 बार 3 से 5 मिनट भाप लेनी चाहिए जो फेफड़े के श्वास नलियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ा कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमें संक्रमण से हमें बचाता है।

कैसे ले भाप
  
सादे पानी की भाप के साथ  विक्ससंतरे और नींबू के छिलकेलहसुनटी-ट्री ऑइलअदरकनीम की पत्तियों जैसी हर्ब्स का उपयोग कर भाप ले सकते हैं। यह  ऐंटिमाइक्रोबियल होती हैं इसलिए  ये वायरस को किल करने में भी असरकारी हो सकती हैं।
श्वसन तंत्र होता है साफ  
स्टीम हमारी नाक और गले में जाकर वहां जमा म्यूकस (जिससे कफ बनता है) को पतला करती है। इससे हमें सांस लेने में आसान होती है और हम काफी राहत महसूस करते हैं। जुकाम के वक्त भाप लेने से इसलिए राहत मिलती है क्योंकि ठीक प्रकार से सांस ना ले पाने के कारण हमारे शरीर में ऑक्सीजन उतनी मात्रा में नहीं पहुंच पातीजितनी मात्रा हमारे शरीर को चाहिए होती है। इस कारण शरीर में भारीपन और ऊर्जा की कमी का अहसास होता है।  भाप लेने का बाद श्वांस की नलियां खुल जाती है और ऑक्सीजन शरीर में जाने लगता है तो हमें राहत मिलती है।
बचाव नहीं तो हर्ज भी नहीं

संजय गांधी पीजीआइ के विशेषज्ञ कहते है कि हम लोग वार्ड में मरीजों को भाप लेने के लिए कहेते है इससे फायदा न भी हो तो कोई नुकसान भी नहीं है। कोरोना से बचाव के लिए सभी को भाप लेनी चाहिए। इस कारण कई लोग दिन में 2 से 3 बार भाप ले रहे हैं। साथ ही सामान्य से अधिक समय तक भाप ले रहे हैं।
हल्का गर्म लें भाप
कोरोना वायरस अधिक तापमान में मर जाता हैइस विश्वास के कारण लोग बहुत तेज तापमान पर और बहुत देर तक भाप ले रहे हैंजो कि शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है। खासतौर पर हमारे फेफड़ों के लिए। क्योंकि हमारे लंग्स शरीर में किसी गुब्बारे की तरह रिऐक्ट करते हैंजो सांस लेने पर फूल जाते हैं और छोड़ने पर सिकुड़ जाते हैं। ये सॉफ्ट टिश्यू से बने होते हैं।
चेहरे और गले में दिक्कत
अधिक तापमान पर भाप लेने से हमारे चेहरे की त्वचा झुलस सकती है। साथ ही हमारे गले में अंदर की त्वचा के टिश्यूज बर्न हो सकते हैंजिस कारण गले में सूजन की दिक्कत हो सकती है। इस कारण खाना खाने और सांस लेने में दिक्कत हो सकती हैजिसका असर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर सकता है। यानी जिस उद्देश्य के लिए हम भाप ले रहे थेउसका उल्टा असर भी हो सकता है।
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