पारा थामने वाली दवा पर कोरोना नहीं पडेगा भारी
एसीई इंहिबिटर दवाओं से कोरोना के संक्रमण की आशंका पर लगा ब्रेक
बिना डाक्टर के सलाह न बंद करे बीपी की दवा
कुमार संजय़। लखनऊ
पारा थामने वाली दवा एसीई( एंजियो टेंसिन कनर्टिंग एजाइम) इंहिबिटर दवाएं खाने से कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका को विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है। इस रसायन वाली दवाओं का हाई बीपी से 50 से 60 मरीज इस्तेमाल करते है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस दवा के बंद करने से कई तरह की परेशानी हो सकती है। इस लिए इस दवा को बीपी जो मरीज लेना बंद न करें। हृय रोग विशेषज्ञों के मुताबिक कुछ दिन शोध पत्रों में कहा गया था कि ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने वाली दवा एसीई इनहैबिटर दवाओं के खाने से संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। इस शोध पत्र के आने के बाद दिल,किडनी ,शुगर के मरीजों में रक्त दाब नियंत्रित करने के लिए डाक्टर विकल्पों पर विचार करने लगे थे। सबसे बडी परेशानी थी कि एक दम दवा बदलने से यदि बीपी कंट्रोल न हुआ तो मरीजों के ब्रेन स्ट्रोक सहित दूसरी परेशानी हो सकती है। इसी बीच राहतदेने वाली खबर दूसरे शोध पत्रों में आयी जिसमें कहा गया कि शुरूआती दौर के शोध में जो तथ्य दिया गया उस पर शोध किया गया तो देखा गया कि इससे कोई नुकसान नहीं है। यह एडाप्टिव इम्युनिटी को सप्रेस करता है जिससे वायरल इंफेक्शन के चांस कम हो होते है। इसी तरह के एडाप्टिव इम्यून रिसपांस स्टेरायड विहीन एंटी इंफलामेंटरी दवाओं में देखा गया है।
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संजय गांधी पीजीआई के हृदय रोग विशेषज्ञ न्यू इंग्लैंड मेडिकल जर्नल और यूरोपियन सोसाइटी आफ हाइपरटेंशन के गाइड लाइन का हवाले देते हुए कहते है कि हाई रिस्क वाले दिल के मरीज जैसे हार्ट फेल्योर, बीपी के मरीज, मायोकार्डियल इंफ्रैक्सन के मरीजों में एसीई इन हैबिटर दवा बंद करने से मरीजों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए जब और अधिक कोरोना मरीजों पर शोध न हो जाएतब इसे बंद करने की जरूरत नहीं है।
कैसे काम करती है यह
विशेषज्ञों के मुताबिक एंजियोटेंनसिन 2 नामक का यह रसायन रक्त प्रवाह के जरिए नसों में दौड़ता है । यह रक्त वाहिकाअों को पतला कर देता है जिससे रक्त संचार बाधित होने लगता है। शरीर में रक्त संचार बढाने के लिए दिल को अधिक प्रेशर देना पड़ता है जिसके कारण ही ब्लड प्रेशर बढ़ जात है। एंजियोटेंसिन 2 लिवर में स्वतः बनने वाले एंजियोटेंसिन -1 के जरिए एंजियो टेंसिन कनवर्टिंग एजाइम की सहायता से बनता है। एसीई इनबैहिटर दवाएं एंजियोटेंसिन कनवर्टिंग एजाइम की क्रियाशलीत को कम करती है जिससे एंजियोटेंनसिन2 रसायन बनने की मात्रा कम हो जाती है। इससे रक्त वाहिकाएं समान्य होने लगती है ।सिकुडन कम हो जाता है । रक्त प्रवाह सामान्य हो जाता है। इससे बीपी कम होता है।
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