आपकी भरपूर नींद देगी कोरोना को नींद
आठ घंटा नींद से शरीर में बनते है संक्रमणसे बचाने वाले साइटोकाइंस और टी सेल
सोशल मीडिया और टीवी उडा रही है नींद
कुमार संजय़ । लखनऊ
नींद न आने से थकान और मानसिक तनाव होने लगता है। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं अगर इस समय में पूरी नींद नहीं लेंगे तो हमारा प्रतिरोधी तंत्र कमजोर हो जाएगा जिससे संक्रमण होने की संभावना बढ़ सकती है। लॉकडाउन के समय शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में सात से आठ घंटे की नींद बहुत जरूरी है। देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर लंबा समय बिता रहे है। देर रात तक टीवी पर चिपके रहते है जिससे देर रात लोग सोते है। इससे इम्यून सिस्टम प्रभावित हो सकता है। इंडियन स्लीप सोसाइटी के फेलो और संजय गांधी पीजीआइ के पल्मोनरी मेडिसिन के विशेषज्ञ प्रो. जिया हाशिम के मुताबिक कोरोना एडवाइजरी में पूरी नींद को भी शामिल किया गया। कोई व्यक्ति रात में छह घंटे से कम नींद लेता है तो उसे जुकाम होने की आशंका चार गुना बढ़ जाएगी। इसके पीछे कारण यह है कि नींद के शुरुआती एक तिहाई समय में शरीर का प्रतिरोधी तंत्र मजबूत होता है जो कि सर्दी जुकाम से बचाता है। कम से कम आठ घंटे नींद ले रहे हैं तो साइटोकिन्स और टी कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में पैदा होंगी और संक्रमण के प्रति आपकी शारीरिक क्षमता बढ़ेगी।
पूरी नींद से बनती है बीमारी से बचाने वाले टी सेल
शरीर में संक्रमण को नष्ट करने के लिए नींद सबसे जरूरी है। नींद के दौरान हमारे शरीर का प्रतिरोधी तंत्र एक प्रोटीन ‘साइटोकिन्स बनाकर शरीर में फैलाता है। इस प्रोटीन में विशेष तरह की श्वेत रक्त कोशिका टी-सेल पायी जाती है जो किसी भी संक्रमित कोशिका पर हमला करके उसे नष्ट कर देती हैं।
कम सोते हैं भारतीय -
प्रो. जिया के मुताबिक हर दिन भारतीय सात घंटे की नींद लेते हैं जबकि यूरोपीय देशों में लोग सात से आठ घंटे तक सोते हैं। अनिंद्रा चिंता का विषय तो है ही, लॉकडाउन के समय स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।
नींद न लेना बीमारी को निमंत्रण-
तनाव या डर के कारण नींद न आने से प्रतिरोधी तंत्र पर दोगुनी मार पड़ती है क्योंकि तब शरीर के इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया देने की क्षमता असंतुलित हो जाती है। इससे तनाव बढ़ता जाता है और मानसिक अवसाद की स्थिति में पहुंचने का डर पैदा हो जाता है, वहीं शारीरिक कमजोरी आने से शरीर में फ्लू आदि का खतरा पनपता है।
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