शनिवार, 18 अप्रैल 2020

कोरोना स्टेप्स बनेगा सुरक्षा कवच- हेल्थ केयर वर्कर में रहती है संक्रमण की आशंका

कोरोना स्टेप्स  बनेगा सुरक्षा कवच

हेल्थ केयर वर्कर  में रहती है संक्रमण की आशंका   

इनटरनेशनल स्तर पर जारी हुई गाइड लाइन

कुमार संजय। लखनऊ

कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका उनकी जिंदगी बचाने के लिए लगे डाक्टर, नर्सेज सबसे अधिक होती है। तमाम शोध में देखा गया है कि 10 फीसदी हेल्थ केयर वर्कर जिसमें डाक्टर, नर्सेज अन्य नजदीक रहने वाले संक्रमित हुए है। इनके बचाव के लिए कोरोना केयर टिप्स जारी की गयी है। विशेषज्ञों का कहना है कि वेंटीलेटर लगाने के लिए ट्रेकीयोस्टोमी किया जाता है गले में स्थित ट्रेकिया में कट लगा कर वेंटीलेटर से जुंडी ट्यूब लगायी जाती है। वेंटीलर लगाने के लिए मुंह में ट्यूब डाला जाता है।  इस दौरान गले से वायरस अधिक मात्रा में निकलने की आशंका रहती है। इस दौरान विशेष सावधानी की जरूरत होती है। इटरनेशनल मेडिकल जर्नल ओरल आंकोलाजी में विशेषज्ञों ने पूरी गाइड लाइन जारी की है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रेकियोस्टोमी एक व्यापक रूप से प्रचलित और बतायी गयी सर्जिकल तकनीक है लेकिन वर्तमान के किसी भी रिपोर्ट में कोविद 19  पाजिटिव  रोगियों में इस प्रक्रिया के सुरक्षित तरीके से  और प्रबंधन पर गाइड लाइन नहीं थी जिसके कारण  कोरोना-स्टेप्स के जरिए  पॉजिटिव रोगियों में ट्रेकियोस्टोमी प्रबंधन के लिए एक सुरक्षित विधि का विस्तार करना और लोगों को जानकारी देना है। 

 

कोरोना स्टेप्स से मिलेगी सुरक्षा

 

 रिसर्च सोसाइटी आफ एनेस्थेसिया एंड फार्माकोलाजी के प्रदेश सचिव प्रो.संदीप साहू ने इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल ओरल आंकोलाजी का हवाला देते हुए बताया कि  मुताबिक ब्रांकोस्कोपी, वेंटीलेटर लगाने के लिए मुंह में ट्यूब डालने के साथ  ट्रेकियोस्टोमी यानि गले में छेड कर ट्यूब ( केनुला) डालने के दौरान संक्रमण की आशंका रहती है। इस दौरान  सुरक्षित रहने की जनकारी कोरोना स्टेप्स  उन  लोगों को मिलेगी जो दूर –दराज इलाके में हेल्थ वर्कर है।

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