एंटी एजिंग दवाएं लगा सकती है कोरोना पर ब्रेक
इलाज और बचाव में कारगर साबित हो सकता है सेल को मराने से बचाने वाली और एंटी एजिंग दवाएं
कुमार संजय। लखनऊ
कोरोना के संक्रमण से बचाव और इलाज के लिए शोध वैज्ञानिक दिन-रात काम कर रहे है तमाम बाते इंटरनेशनल रिसर्च जर्नल के जरिए दुनिया के सामने ला कर लोगों को उम्मीद की किरण दिखा रहे है। वैज्ञानिकों ने कहा कि एंटी एजिंग और सेल को मरने से बचाने वाली(सेनोलाइटिक्स) दवाएं कोरोना से लडाई में बडा हथियार साबित हो सकती है। क्लीनिकल इम्यूनोलाजिस्ट डा. स्कंध शुक्ला ने इंटरनेशऩल मेडिकल जर्नल एजिंग ने अपने कोविद 19 एंड क्रोनोलाजिकल एजिंगः सीनोलायटिक्स एंड अदर एंटीएजिंग ड्रग फार दी ट्रीटमेंट एंड प्रिवेंशन आफ कोरोना वायरस इंफेक्शन शोध का हवाला देते हुए कहते है कि बचाव और इलाज के लिए इन दवाओं के इस्तेमाल पर विचार किया जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविद 19( सार्स –कोवी -2) सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम परिवार का एक नया उभरता हुआ वायरस है। देखा गया है कि कोविद 19 अधिक आय़ु वाले रोगियों में काफी अधिक मृत्यु दर दर्शाता है। यह इस सवाल का जवाब देता है कि कोविद संक्रमण और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के बीच एक कार्यात्मक संबंध है। कोविद 19 के लिए दो रिसेप्टर्स है जो महत्वपूर्ण रोल प्ले कर रहे है । एक सीडी26 है और दूसरा एसीई-2 (एंजियोटेंसिन-परिवर्तित एंजाइम 2) है। दिलचस्प बात यह है कि सीडी 26 और एंजियोटेंसिन सिस्टम दोनों ही उम्र बढ़ने संबंध दिखाते है। इसी तरह, कोविद-19 संक्रमण के उपचार के लिए दो प्रस्तावित चिकित्सीय अज़िथ्रोमाइसिन और क्वेरसेटिन हैं, दोनों महत्वपूर्ण सेनेटोलिटिक गतिविधि यानि बुढापे के सेल को मराते हैं। इसके अलावा, क्लोरोक्वीन-संबंधित बीटा-गैलेक्टोसिडेस बुढापे के मार्कर है। अन्य एंटी-एजिंग ड्रग्स पर भी विचार किया जाना चाहिए, जैसे कि रैपामाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन, क्योंकि वे प्रोटीन संश्लेषण के अवरोधक के रूप में व्यवहार करते हैं,और कोशिकाओं को उच्च स्तर की सूजन वाले साइटोकिन्स, इम्यून मॉड्यूलेटर, ग्रोथ फैक्टर और प्रोटीज़ का स्राव होता है को रोकते है और वायरल प्रति कृति( संख्या बढने से रोकतेहैं। दोनों को अवरुद्ध करते हैं।
वायरस नहीं बढा पाता है अपनी संख्या
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविद 19 बीमारी के खिलाफ लड़ाई में इस परिकल्पना का परीक्षण करना चाहिए कि वायरस के संचरण को रोकने में सेनेटोलिक्स( सेल को मराने वाले) और अन्य एंटी-एजिंग दवाओं की एक प्रमुख भूमिका हो सकती है, साथ ही इसके उपचार में सहायता भी। सेनोलाइटिक और एंटी-एजिंग थेरप्यूटिक्स मौजूदा एफडीए-अनुमोदित ड्रग्स हैं, जिनमें उत्कृष्ट सुरक्षा प्रोफाइल हैं, और यह ड्रग पुन: उपयोग के प्रयासों के लिए आसानी से उपलब्ध होगा। एज़िथ्रोमाइसिन और डॉक्सीसाइक्लिन दोनों आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है जो वायरल प्रतिकृति और आईएल -6 उत्पादन को रोकते हैं। हम एंटीबायोटिक दवाओं के इस सामान्य वर्ग पर विचार कर सकते हैं जो उपचार और रोकथाम दौरान होने वाले साइड इफेक्ट को सेलुलर प्रोटीन संश्लेषण को रोक कर कम करते हैं।
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